जीने की बात करता हूँ
मै हर इंसान से जीने की बात करता हूँ
औरों के गम पीने की बात करता हूँ
चिंदी ,चिंदी हुई है, जो जीवन की किताब
हर चिंदी को सीने की बात करता हूँ
बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफिज
डूबे भंवर मै, सफीने की बात करता हूँ
दौलत की चमक से मचल रही दुनिया
मै बिन तराशे नगीने की बात करता हूँ
हुए शहीदे-बतन जो मिटाकर अपनी हस्ती
मै उनके खून पसीने की बात करता हूँ
जिन्दगी अपनी कटी बे हिसाब बे तरतीव
औरों से मै करीने…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on April 29, 2013 at 12:53pm — 9 Comments
Added by Dr.Ajay Khare on April 18, 2013 at 4:30pm — 9 Comments
जिन्दगी में ये सब होना ही था
हर ख़ुशी की चाह मे रोना ही था
रिश्ते नाते प्यार वादों का महल
टुटा खंडहर एक दिन होना ही था
दूसरों के बोझ ढोते रह गए
अपने गम का बोझ भी ढोना ही था…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on April 3, 2013 at 12:00pm — 3 Comments
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