(१)
 पिसते  हरदम  ही  रहे , मन  में  पाले टीस
 तुझको भी मौका मिला, तू भी ले अब पीस 
 तू  भी  ले  अब  पीस , बना कर खा ले रोटी 
 हम  चालों   के  बीच , सदा चौसर की गोटी 
 पूछ   रहा  विश्वास , कहाँ बदला   है मौसम 
 घुन  गेहूँ  के  साथ , रहे  हैं   पिसते  हरदम ||
(२)
 बिल्ली  है  सम्मुख  खड़ी , घंटी  बाँधे कौन 
 एक  अदद  इस  प्रश्न  पर ,  सारे  चूहे  मौन 
 सारे   चूहे   मौन   ,  घंटियाँ   शंख   बजाते 
 मजबूरी   में   नित्य  ,  आरती   सारे …
Added by अरुण कुमार निगम on June 22, 2014 at 3:00pm — 6 Comments
संस्कारों की कमी से , मनचले होते रहेंगे 
 कुछ न बदलेगा जहां में , हादसे होते रहेंगे.
 दोष इसका दोष उसका मूल बातें गौण सारी 
 तालियाँ जब तक बजेंगी , चोंचले होते रहेंगे .
 मौन धरने उग्र रैली , जल बुझेगी मोमबत्ती 
 आड़ में कुछ बाड़ में कुछ सामने होते रहेंगे .
 आबकारी लाभकारी लाडला सुत है कमाऊ 
 और  भी  तो  रास्ते  हैं , फायदे  होते रहेंगे .
 ये गवाही वो गवाही, है बहुत ही चाल धीमी 
 जानता  है  हर  दरिंदा , फैसले  होते …
Added by अरुण कुमार निगम on June 7, 2014 at 12:00am — 14 Comments
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