(फाइलातुन _मफाइलुन_फेलुन)
कोई मुश्किल ज़रूर आनी है |
हो गई उनकी महरबानी है |
तिशनगी जो बुझाए लोगों की
तुझ में सागर कहाँ वो पानी है |
और मुझ से वो हो गए बद ज़न
बात यारों की जब से मानी है |
खा गई घर का चैन मँहगाई
उनकी जिस दिन से हुक्म रानी है |
ज़ख्म तू ने दिए हैं ले कर दिल
जुल की फितरत तेरी पुरानी है |
इंक़लाब आए क्यूँ न बस्ती में
उन पे आई गज़ब जवानी है…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on June 19, 2018 at 9:30am — 17 Comments
(मफाइलुन _फ इलातुन_मफाइलुन_फ इलुन)
न मुँह को फेर के यूं आप जाएं ईद के दिन |
मेरे गले से लगें या लगाएँ ईद के दिन |
अकेले हम ख़ुशी कैसे मनाएँ ईद के दिन |
ख़ुदा क़सम वो बहुत याद आएँ ईद के दिन |
जो पिछले साल थाशामिल हमारी खुशियों में
उसी हसीन की यादें सताएँ ईद के दिन |
गरज़ है क्या भला हम साया ग़ैर मुस्लिम है
उसे बुलाके सिवइयाँ खिलाएँ ईद के दिन |
ख़ुदा ने अर्श से भेजा है तुहफा फरहत का
न दिल…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on June 15, 2018 at 8:30pm — 17 Comments
(मफऊल _ फाइलात _ मफाईल _फाइलुन)
तक़दीर आज़माने की ज़हमत न कीजिए |
उस बे वफ़ा को पाने की हसरत न कीजिए |
बढ़ने लगी हैं नफरतें लोगों के दरमियाँ
मज़हब की आड़ ले के सियासत न कीजिए |
जलवे किसी हसीन के आया हूँ देख कर
महफ़िल में आज ज़िक्रे कियामत न कीजिए |
आवाज़ तो उठाइए हक़ के लिए मगर
इसके लिए वतन में बग़ावत न कीजिए |
बैठा है चोट खाके हसीनों से दिल पे वो
जो कह रहा था मुझ से मुहब्बत न कीजिए…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on June 12, 2018 at 10:30pm — 19 Comments
मफ ऊल _फाइलात_ मफाईल _फाइलुन
उलफत की गर नहीं तो अदावत की बात कर |
मेरे हबीब सिर्फ़ तू क़ुरबत की बात कर |
दीदार कर के आया हूँ मैं एक हसीन का
मुझ से न यार आज क़यामत की बात कर |
लोगों के बीच होने लगीं ख़त्म उलफतें
मज़हब के नाम पर न सियासत की बात कर |
तदबीर पर है सिर्फ नजूमी मुझे यकीं
तू देख कर लकीर न क़िस्मत की बात कर |
ईमान बेचता नहीं मैं हूँ सुखन सरा
मुझ से मेरे अज़ीज़ न दौलत की बात कर…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on June 6, 2018 at 3:30pm — 19 Comments
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