मुझे वो याद करते हैं जो भूले थे कभी मुझको,
बस ऐसे ही जहां भर की मिली है दोस्ती मुझको.
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ज़माना ज़ह्र में डूबे हुए नश्तर चुभोता है,
बचाती ज़ह्र से लेकिन मेरी ये मयकशी मुझको.
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मुझे कहने लगा ख़ंजर, “मुहब्बत है मुझे तुमसे,
कि इक दिन मार डालेगी तुम्हारी सादगी मुझको.”
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ज़माने का जो मुजरिम है सज़ाए मौत पाता है,
मिली मेरे गुनाहों पर सज़ाए ज़िन्दगी मुझको.
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ख़ुदाया शह्र -ए-पत्थर में बना मुझ को तू आईना,
समझनी है अभी इन…
Added by Nilesh Shevgaonkar on June 29, 2014 at 6:30pm — 24 Comments
२१२२ १२१२ २२/११ २
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देख तेरा जो हाल है प्यारे
ज़िन्दगी का सवाल है प्यारे.
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लोग मुर्दा पड़े हैं बस्ती में,
बस तुझी में उबाल है प्यारे.
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आम कहता है ख़ुद को जो इंसाँ,
उसकी रंगत तो लाल है प्यारे.
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उसकी थाली में मुझ से ज़्यादा घी,
बस यही इक मलाल है प्यारे.
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हम ने अपना लहू भी वार दिया,
सबको लगता गुलाल है प्यारे.
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ख़ाक ही ख़ाक बस उड़ेगी अब,
ये हवाओं की चाल है प्यारे.
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अब तो…
ContinueAdded by Nilesh Shevgaonkar on June 5, 2014 at 9:30pm — 21 Comments
२१२२, २१२२,२१२२, २१२२
क्या सुनाऊं दोस्त तुझको ज़िन्दगानी की कहानी,
चार सू तूफ़ान हैं और अपनी कश्ती बादबानी.
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जब मिले पहले पहल तुम, ख्व़ाब थे रंगीन सारे,
सुर्ख आँखें हैं मेरी उस दौर की ज़िन्दा निशानी.
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याद की इन आँधियों में दिल बिखर जाता है ऐसे,
जिल्द फटने पर बिखरती डायरी जैसे पुरानी.
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देर तक रोता रहा क़ातिल मेरा, मैंने कहा जब,
जान तू ले ले मेरी तो होगी तेरी मेहरबानी.
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खो गए है हर्फ़ सारे, बुझ गए…
Added by Nilesh Shevgaonkar on June 3, 2014 at 11:00am — 31 Comments
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