मनवा गाये, मनवा गाये,
मोरा मनवा गये रे
इक गौरैया घर में आई
चुन-चुन तिनका नीड़ बनायी
किया है उसने प्रियतम संग फिर
प्रेम सगाई रे
मनवा गाये मनवा गाये ................
इत्-उत् मटक-मटक दिखलाती
पिया को अपने खूब रिझाती
नित अठखेलियाँ करते दोनों
ज्यूँ भँवर बौराई रे
मनवा गाये ..................................
इक दूजे रंग रंगने लगे थे
प्रणय निवेदन करने लगे थे
आने को थी संतति उनकी
हुए सुखारे रे…
Added by Meena Pathak on July 7, 2015 at 10:05pm — 7 Comments
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