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TEJ VEER SINGH's Blog – July 2019 Archive (2)

इलाज़  - लघुकथा  -

इलाज़  - लघुकथा  -

मिश्रा जी की उन्नीस वर्षीय मंझली बेटी मोहल्ले की पानी की टंकी पर चढ़ गयी और शोले के वीरू स्टाइल में चिल्ला चिल्ला कर सारा मोहल्ला, मीडिया और पुलिस वालों को एकत्र कर लिया।

मसला यह था कि वह किसी गैर जाति के सहपाठी से विवाह करने को उतावली थी।

हालांकि अभी उसकी बड़ी बहिन भी क्वारी थी।घर वाले उसे समझा चुके थे कि पहले बड़ी बहिन का विवाह हो जाने दे फिर तेरे मामले को देखेंगे।लेकिन वह उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी।

अपना पक्ष मजबूत करने के लिये इस प्रकार…

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Added by TEJ VEER SINGH on July 19, 2019 at 6:30am — 6 Comments

दूरदृष्टि -  लघुकथा  -

दूरदृष्टि -  लघुकथा  -

"क्या हुआ अंशू, देख आया लड़की, कैसी लगी?"

"माँ, मुझे नहीं जमी |मैंने इसीलिये आप से भी साथ चलने को कहा था पर आपने तो टका सा जवाब दे दिया कि शादी तो तुझे ही करनी है| आखिरी फ़ैसला तो तेरा ही होगा, फिर मुझे इस बुढ़ापे में क्यों तंग कर रहा है?"

"पर जब तूने सबके  फोटो और बायोडेटा देखे थे  तो सबसे अधिक इसे ही प्राथमिकता दी थी|"

"हाँ माँ, उस हिसाब से तो वह अब भी सबसे बेहतर है।"

"अब उन्हें क्या जवाब देकर आया है?।"

"मैंने उन्हें बोला कि माँ…

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Added by TEJ VEER SINGH on July 12, 2019 at 3:15pm — 6 Comments

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