देते है आशीष वे, सर पर रखते हाथ
मन में श्रद्धा भाव हो, तभी श्राद्ध यथार्थ |
तभी श्राद्ध यथार्थ, सभी है उनकी माया
समझों वे है साथ, मिले उनकी ही छाया
मिले सभी संस्कार संज्ञान में जो लेते
माने हम उपकार, पूर्वज ख़ुशी ही देते |
…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 25, 2013 at 10:30am — 17 Comments
आता है हिन्दी दिवस जाने को तत्काल
संसंद में करते रहे, नेता टालम टाल
विकसित करना देश को तो मन में यह ठान
अपनी भाषा का सदा उन्नत रखना भाल |
(2)
हिन्दी में ही बोलकर रख भाषा का मान
भाषा की सम्पन्नता, है हिन्दी की शान
हीन भाव लाये बिना कर हिन्दी में बात
तब हिन्दी की विश्व में अमिट बने पहचान |
(3)
रोज मना हिन्दी दिवस करना गौरव गान
देवनागरी लिपि बनी, जो है इसकी शान
संस्कृति अरु साहित्य का उन्नत है भण्डार
सबको…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 14, 2013 at 10:00am — 17 Comments
(1)
कन्या होती भाग्य से,रखना इसका मान
कन्या घर में आ रही, ले गौरी वरदान |
ले गौरी वरदान, आँगन कुटी मह्कावे,
घर आँगन चमकाय,कुसुम कलियाँ खिलजावे
शिक्षा का हो भान, बनावे शिक्षित सुकन्या
रखती मन में धैर्य,कष्ट सहती है कन्या
.
(2)
जन्मे बेटी भाग्य से, घर को दे मुस्कान
पालन -पौषन साथ ही, पावे शिक्षा ज्ञान |
पावे शिक्षा ज्ञान, समाज बने संस्कारी
नारी का हो मान, करे…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 12, 2013 at 11:30am — 15 Comments
Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2013 at 10:30am — 18 Comments
Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 1, 2013 at 1:30pm — 24 Comments
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