देना युवकों को सभी ,देश की अब कमान
ये हैं भविष्य देश का, इनसे ही है शान
इनसे ही है शान, जानलो इनको प्रहरी
करते नव निर्माण बात यह समझो गहरी
उज्जवल हो भविष्य, सभी से सम्मति लेना
करके मार्ग प्रशस्त ,साथ है इनका देना //
............मौलिक व अप्रकाशित............
Added by Sarita Bhatia on September 30, 2013 at 9:00am — 7 Comments
माँ के आंचल में मिले ,ममता की ही छाँव
शुभाशीष पाओ मधुर, नित्य दबाकर पाँव
नित्य दबाकर पाँव , आशीर्वाद तुम लेना
माँ से बड़ा न स्वर्ग ,उसे दुख कभी न देना
मिट जाते दुख-दर्द , पास में माँ के जा के
ममता के ही फूल ,मिलें आंचल में माँ के
............मौलिक व अप्रकाशित ...........
Added by Sarita Bhatia on September 25, 2013 at 5:30pm — 6 Comments
1 2 2 2 1 2 2 2
कभी यूँ पास आ जाना
किया वादा निभा जाना /
गजब की यह फकीरी है
इसे तुम अब हटा जाना /
गरीबी हो अमीरी हो
कसम अपनी निभा जाना /
तुम्हारी आस आने की
जरा दिल में जगा जाना /
तुम्हारे ही भरोसे हूँ
भरोसा यह बढ़ा जाना /
दिलों को खोल कर अपने
गिले शिकवे मिटा जाना /
नहीं तकरार करना अब
हमें झट से मना जाना /
तुम्हें हम कह नहीं सकते
दिलों को अब मिला जाना…
Added by Sarita Bhatia on September 20, 2013 at 9:42am — 20 Comments
कर लो सब से दोस्ती, छोड़ो अब तकरार
जिंदगानी दो दिन की बांटो थोड़ा प्यार //
बांटो थोड़ा प्यार, यही है दौलत असली
प्यार स्नेह को मान ,बाकी सभी है नकली
धन दौलत सब छोड़ ,जीवन में प्यार भर लो
रहे कोई न गैर ,सब से दोस्ती कर लो //
................मौलिक व अप्रकाशित..........
Added by Sarita Bhatia on September 19, 2013 at 7:00pm — 13 Comments
शान है मातृभूमि की, देश का स्वाभिमान ,
हिंदी बिंदी मात की, यह मेरा अभिमान //
यह मेरा अभिमान, अधिकार है यह सबका ;
दो इसको विस्तार, है कर्तव्य जन जन का ;
हिंदी दिन को आज, देना यह सम्मान है
अपनाओ सब मीत ,इसमें इसकी शान है //
................मौलिक व अप्रकाशित ..............
Added by Sarita Bhatia on September 17, 2013 at 11:00am — 12 Comments
हिंदी मेरे हिन्द की ,संस्कृति की पहचान
मिसरी घोले कान में ,इसमें बसती जान //
संस्कृत की दिव्या सुता ,जन जन का आचार
लाकर अब व्यवहार में ,दो इसको विस्तार //
मातृभूमि की शान है ,देश का स्वाभिमान
हिंदी बिंदी मात की ,यह मेरा अभिमान //
पर्व एक हिंदी दिवस, मनालो संग प्यार
वारें इस पर जान हम ,दें सम्मान अपार //
हिंदी भाषा देश को करती है धनवान
अंग्रेजी को छोड़ कर ,इसको देना मान //
हिंदी दिन है आ गया ,ख़ुशी…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on September 14, 2013 at 10:00am — 23 Comments
पहला गुरु माँ है इसको करते हैं हम नमन
जिसने संस्कार दिए चलने को बिना विघ्न
दूसरा गुरु शिक्षक जिसने संस्कारों को सींचा
हमेशा उन्नति ही पाई ना कभी देखा नीचा|
उनकी डाँट और प्यार ने ऐसे हमें सँवारा
गिरेगें,फिर उठेंगे,पर ना हटना लक्ष्य से गँवारा
गुरु हमेशा पूजनीय देना उन्हें सत्कार
उनके श्रम लगन से ही बनता है आधार
आओ याद करें उस महान शिक्षक को,
सर्वपल्ली राधाकृष्णन था जिसका नाम!
राष्ट्रपति बनकर जो देश को सँवारा,
बढ़िया…
Added by Sarita Bhatia on September 5, 2013 at 12:30pm — 9 Comments
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