For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Deepak Sharma Kuluvi's Blog – September 2010 Archive (6)

कहाँ तक

कहाँ तक

कहाँ तक संजोउं मैं सपने सुहाने
कहाँ तक बचाऊ मैं सपने सुहाने
अपना ही नाम तक भूलने लगा हूँ
कहाँ तक छुपाऊं मैं सपने सुहाने
क्या हूँ मैं किसको पता
क्या था मैं किसको पता
सबको दिखेगा बस मेरा आज
दिखाऊं किसे ज़ख्म दिल के पुराने
कल तक तो 'दीपक' था 'कुल्लुवी' है आज
किसे क्या पता ,है आवाद या बर्वाद
कोई भूल चुका होगा किसी को याद होगा
किसे क्या पता अब तो हम हैं दीवाने

दीपक शर्मा कुल्लुवी

०९१२३६२११४८६

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 30, 2010 at 11:05am — 1 Comment

शर्म का घाटा

शर्म का घाटा



मिलावट का एक और खुलासा

मिलावट खोरों को शर्म का घाटा

शहद में मीठा ज़हर मिलाया

जिसनें भी खाया वोह पछताया

देश की नामीं बारह कम्पनियों में से

ग्यारह के सैम्पल में पाया

जन्म से लेकर मृत्यु तक

शहद का होता है उपयोग

किसको पता था मिटेंगे नहीं

लग जाएँगे और भी रोग

रामदेव बाबा जी के शहद से लेकर

डाबर तक यह पाया गया

मीठे मीठे चटकारों से

हम सबको बहलाया गया

सूली पर लटका दो सबको

या फिर मार दो गोली

जिस जिसनें… Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 16, 2010 at 12:30pm — 5 Comments

कुछ न कुछ

कुछ न कुछ

मेरे शे-रों में कुछ न कुछ तो ज़रूर रहा होगा
वर्ना अश्क आपके,इस कदर न छलकते
अंधेरों में ही सही,चिराग जलाने चले आते हो
वर्ना मेरी मजार के आसपास,इस कदर बेबस न भटकते
मायूस होकर ना देखते,बंद फाइलों में तस्वीरें मेरी
मेरी यादों के लिए,इस कदर ना तरसते
यह तो 'दीपक कुल्लुवी' का वादा था याद रखेंगे
आप तो बेवफा थे,इस कदर बेवजह ना बदलते

दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
०९१३६२११४८६
१५/०९/२०१०

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 15, 2010 at 11:16am — 3 Comments

इंसानियत का फ़र्ज़

इंसानियत का फ़र्ज़



डेंगू का कहर देखकर

बेचारे मच्छर भी शरमा गए

अपनें तो पीछे हट गए

बेचारे मच्छर मदद को आ गए

कहनें लगे ना घबराना

हम इंसानियत का फ़र्ज़ निभाएँगे

आपके अपनें तो धोखा दे गए

हम ब्लड डोनेशन को ज़रूर आएँगे

अपना खून देकर भी

हम आपको ज़रूर बचाएँगे

जितना आपसे चूसा था

उससे दुगुना देकर जाएंगे

अपनी तो मज़बूरी थी

ना पीते तो कैसे जीते

लेकिन आपकी खातिर हम

बिन पिए मर जाएंगे

लेकिन आपके अपनों की तरह

पीठ… Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2010 at 2:56pm — 1 Comment

पैरोडी :भाई मीडिया तो सच ही दिखात है !

पैरोडी



सखी सैयां तो खूब ही कमात है,महंगाई डायन खाए जात है की धुन पर आधारित



भाई मीडिया तो सच ही दिखात है

शीला जलत भुनत जात है

हत्थनी कुण्ड करे बँटाधार है

बरसात कहर ढाए जात है

भाई मीडिया तो सच -----

सारी दिल्ली है बेहाल

आई फ्लू ,डेंगू की है मार

डाक्टर हो रहे मालामाल

कॉमनवेल्थ सुसरी सर पे सवार है

बरसात कहर ढाए जा-------

भाई मीडिया तो सच ही-----

जहाँ भी देखो जाम ही जाम

सड़कों पर भी चल रही नाव

दिल्ली का जीवन… Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2010 at 2:30pm — 3 Comments

क़दम

क़दम


उन्ही के कदमों में जा गिरा ज़माना है
इश्क़-ओ-मुहब्बत का जिनके पास ख़ज़ाना है
वफ़ा की सूली पे जो हँसता हुआ चढ़ जाए
नाम-ए-बेवफ़ाई से बिल्कुल जो अंजाना है
ईद और दीवाली में जो फ़र्क़ नहीं करता
अल्ला और राम को एक जिसने माना है
आसां नहीं है जीना ऐसे जनू वालों का
शॅमा की मुहब्बत में हँसकर जल जाते परवाने हैं
'दीपक कुल्लवीउन सबको करता है सलाम
इंसानियत का बोझ जो हंसकर उठाते हैं


दीपक शर्मा कुल्लवी
09136211486

Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 10, 2010 at 4:25pm — 2 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service