For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव's Blog – September 2014 Archive (6)

मानदंड

 

 

रेखागणित क्या है ?

मै नहीं जानता

रैखिक ज्ञान का पारावार है

मान लेता हूँ

मेरे लिए रेखा मात्र रेखा है

सरल या विरल

सरल यानि मिलन से दूर

मिलन के लिए सरलता नहीं

तरलता चाहिए

अकड़ नहीं विनम्रता चाहिए

इसीलिये सरल रेखा

मुड़ कर ही मिल पाती है

वह भी स्वयं से

उसका पोर-पोर ही है मिलन बिंदु

जिसका चरम रूप है वृत्त

वृत्त क्या ? महज एक शून्य

शून्य अर्थात शून्य

स्वयं से मिलन…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 26, 2014 at 2:57pm — 14 Comments

एक दिन

अरे चाचा !

तुम तो बिलकुल ही बदल गये

मैंने कहा – ‘ तुम्हे याद है बिरजू 

यहाँ मेरे घर के सामने

बड़ा सा मैदान था 

और बीच में एक कुआं 

जहाँ गाँव के लोग

पानी भरने आते थे 

सामने जल से भरा ताल 

और माता भवानी का चबूतरा

चबूतरे के बीच में विशाल बरगद

ताल की बगल में पगडंडी

पगडंडी के दूसरी ओर

घर की लम्बी चार दीवारी

आगे नान्हक चाचा का आफर

उसके एक सिरे पर

खजूर के दो पेड़ 

पेड़ो के पास से…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 21, 2014 at 12:14pm — 19 Comments

हिन्दी की जय !

हिन्दी दिवस पर विशेष

           

माँ तुझको  याद  नहीं करते  तू तो धमनी  में है बहती I

तू ह्रदय नही इस काया की  रोमावली  प्रति में  है रहती I

अपने  ही पुत्रो से  सुनकर  भाषा  विदेश  की  है सहती I

पर माते ! धन्य नहीं मुख से कोई भी अपने दुःख कहती I

 

होते कुपुत्र  भी इस जग में  पर माता उन्हें  क्षमा करती I

सुंदरता  और  असुंदर  को  जैसे  धारण  करती  धरती I

जो सेवा-रत अथवा …

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 13, 2014 at 8:44pm — 6 Comments

बोध (नवगीत)

मौत का सघन  साया

अनुभूति बनकर आया

मेरे अंतिम क्षणों में I

*

यह आत्मीयता प्रदर्शन

करुणा  का कलित क्रंदन

चीत्कार आर्त्त रोदन

या नाट्य  अभिनय मंचन

.

इसे देख जी में आया 

छोडूं न अभी काया

मेरे अंतिम क्षणों में I

*

सर्वांग व्यथित परिजन

सूने उदास से मन

इतना असीम कम्पन

तब था न  जब था जीवन

.

यह मोह है या माया

कुछ कुछ समझ में आया

मेरे अंतिम क्षणों में…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 10, 2014 at 1:30pm — 23 Comments

रूप अनूप निहारा करूँ /// सवैय्या

 विधान : 7  सगण + 1 एक रगण (कुल 24 वर्ण )

 

घन राति अमावस पावस की तम तोम म बैठि  गुजारा करूँ I 

गुनिकै मन मे रतनाकर के जल नील क नक्श उतारा करूँ  I

सुषमा नभ की अवलोकि सदा मन में यहु भाव विचारा करूँ I

जग माहि रचा व बसा   प्रभु  का वह रूप अनूप निहारा करूँ I

 

*                                         *                                     *

करि सम्पुट नैन भली विधि सों, प्रभु को धरि ध्यान निहारा करूँ I

कछु भक्ति करूँ, कछु ध्यान धरूँ,…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 5, 2014 at 8:00pm — 19 Comments

शिक्षक दिवस पर विशेष

शिक्षक यदि तुम गुरु बन जाते

कोटि-कोटि छात्रो के मस्तक चरणों में झुक जाते I

 

तुम ही अपना गौरव भूले

लोभ -मोह  झूले पर झूले

व्यर्थ दंभ पर फिरते फूले

थोडा सा पछताते I

 

धर्म तूम्ही ने अपना छोड़ा

अध्यापन से मुखड़ा मोड़ा

राजनीति से  नाता जोड़ा

तब भी न शरमाते  I

 

कितनी धवल तुम्हारी काया

तुमने उस पर मैल चढ़ाया

शिक्षा को व्यवसाय बनाया

फिरते हो इतराते I  

 

पद्धति की भी बलिहारी…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 5, 2014 at 10:29am — 12 Comments

Monthly Archives

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"मुझसे टाईप करने में ग़लती हो गयी थी, दो बार तुझे आ गया था। तुझे ले न जाये उधर तेज़ धाराजिधर उठ रहे…"
20 minutes ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद  श्रोतिया जी....लगभग पाँच वर्ष बाद ओ बी ओ     पर अपनी हाज़िरी दी…"
49 minutes ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी, गिरह का शे'र    ग़ज़ल से अलग रहेगा बस यही अड़चन रोक रहीहै     …"
50 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
""पहुंचें" अन्य को आमंत्रित करता हुआ है इस वाक्य में, वह रखें तब भी समस्या यह है कि धीरे…"
55 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकने लगेंगे। आपकी…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मिसरो को और…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी  अच्छे…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"ये दुनिया है दरिया उतर धीरे धीरे चला जा इधर से उधर धीरे धीरे वो नज़रें झुकाए अगर धीरे धीरे उतर ही न…"
3 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"निखर जायेंगे कम हुनर धीरे-धीरेअच्छा कहा अजेय जी         "
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कार आभार आपने ग़ज़ल पर चर्चा की।  पहुंचे नहीं पहुंचें लिखा है अर्थात पहुंचेंगे। फिर भी…"
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी    "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service