२१२२ १२१२ २२
कोंचती है ये धूल कहता है
किस नफ़ासत से फूल कहता है
मख़मली ये लिबास चुभते हैं
रास्ते का बबूल कहता है
जिन्दगी से निबाह करती हूँ
आइना जब क़ुबूल कहता है
अपने दम पे मक़ाम हासिल कर
मुझसे मेरा उसूल कहता है
चाहो मंजिल तो आबले न गिनो
हर कदम पे रसूल कहता है
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by rajesh kumari on November 21, 2017 at 11:46am — 25 Comments
२१२२ २१२२ २१२
थोड़े थोड़े में गुजारा हो गया
मुश्तभर किस्सा हमारा हो गया
कहकशाँ में ढूँढती बेबस नज़र
ख़्वाब अपना इक सितारा हो गया
चाँद की चाहत कभी हमने न की
एक जुगनू ही सहारा हो गया
छटपटाती देख बेघर सीपियाँ
दिल समन्दर का किनारा हो गया
बेवफा इस जिन्दगी ने फिर ठगा
इश्क इससे क्यूँ दुबारा हो गया
बातों बातों हार बैठे दिल को हम
बेखुदी में बस ख़सारा हो…
ContinueAdded by rajesh kumari on November 12, 2017 at 8:29pm — 22 Comments
“तुमने ठीक से शूट किया न?”रियान ने पूछा|
“येस येस ऑफकोर्स बड्डी, पूरा शूट कर लिया" कैमरा दिखाते हुए डोडो ने कहा |
" लेकिन एक बात बता व्हाई डिड यू चूज हिम ओनली? इसे ही क्यों चुना तुमने?”डोडो ने आगे पूछा |
“ ही वाज़ एन इन्डियन यार.... क्या फर्क पड़ता है कोई अपना थोड़े ही था और मेरे इस लास्ट टास्क में यही ऑर्डर था कि विदेशी होना चाहिए पर ये शूट करना अब तो बंद कर यार अभी भी क्यूँ ऑन किया हुआ है कैमरा” रियान बोला|
ठांय ठांय ठांय...”सॉरी बड्डी मेरा भी…
ContinueAdded by rajesh kumari on November 2, 2017 at 11:06am — 8 Comments
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