एक गमले में रोपा गया पौधा
उसका दायरा क्या है
बस वो गमला
जब तक वो गमले में है
कभी वृक्ष नहीं बन सकता
उस पौधे की जड़ों को
गमले से बाहर आना होगा
परिन्दों को उड़ना हो
तो उनकी सीमा क्या है
कोई नहीं
असीम आकाश फैला हुआ है
उन्हें अपने पर खोलने होंगे
हमें जीना हो तो
पूरी कायनात पड़ी है
हमें
ख़्वाहिशों को परवाज़ देना होगा
सपनो को
उम्मीदों का आकाश देना…
ContinueAdded by शिज्जु "शकूर" on November 18, 2014 at 9:44pm — 11 Comments
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