जन्मदिन पर सबसे विगत में हुई भूलों के लिए क्षमा मांगते हुए "दोहे पुष्प" समर्पित है
अडसठ बसंत में मुझे,मिला सभी का प्यार,
गुरुवर अरु माँ-बाप का, वरदहस्त आधार |
सद्गुरु को मै दे सकूँ, ऐसी क्या सौगात,
चरण पखारूँ अश्क से,इतनी ही औकात |
समर्पण निःशेष रहे, तुम मेरे आधार,
तुमसे तुमको मांग लू,करे अगर स्वीकार |
जन्म दिवस पर दे रही,माँ मुझको आशीष
सद्कर्मी पथ पर चलूँ, भला करे जगदीश |
घर पर सब…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 19, 2013 at 10:30am — 39 Comments
नारी पीड़ा सह रही, मन में है अवसाद,
संत वेश में घूमते, दुष्कर्मी आजाद |
दुष्कर्मी आजाद, सताते नहीं अघाते
करे नहीं परवाह, गंदगी यूँ फैलाते |
राजनीति का मंच, भरे अपराधी भारी,
हमको यही मलाल,कष्ट में अबला नारी |
(2)
गांधी के इस देश में, हिंसा है आबाद,
निरपराध है जेल में, सौदागर आजाद |
सौदागर आजाद, कर रहे भ्रष्टाचारी
इनमे है उन्माद, कष्ट में जनता सारी
जागरूकता रोक सके अपराधी आंधी,
जनता पर ही भार,सहे…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 16, 2013 at 7:00pm — 9 Comments
देखे भाई दूज में, रिश्तो का संसार,
प्यारा भाई जा रहा,प्रिय बहना के द्वार
प्रिय बहना के द्वार,बोला खिलाओ खाना
भरकर ह्रदया नेह,प्यार से मुझे खिलाना
सदियों का इतिहास,भाई बहन के लेखे
आती भाई दूज, भाई बहन को देखे ||
(4)
सभी देव करते रहे, गौमाता में वास
खुशहाली मिलती रहे,गाय रखे यदि पास
गाय रखे यदि पास,न दूध दही का घाटा
बिना दही अरु दूध, शरीर रहे ये नाटा |
संतो का अनुरोध,गौ ह्त्या न करे कभी
ब्रहमा विष्णु…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 10, 2013 at 7:00pm — 14 Comments
दीपोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाए
पुष्य नक्षत्र की शुभ बेला में, लक्ष्मी जी ने जन्म लिया,
महक फैलाती आई कमला, गुरु नक्षत्र का चयन किया |
ज्ञान पिपासु की वृद्धि करने, ज्ञानेश्वरी को साथ लिया,
धन वैभव में बरकत करती, सुख सम्रद्धि का भाव दिया |
लक्ष्मी,गणेश खुश हो जाते,जब हो हंसवाहिनी संग,
दीपोत्सव त्यौहार मनाओ, रंगोली ले आती रंग |
घर लक्ष्मी की हो प्रसन्नता, लक्ष्मी देवे तब वरदान
बिन गणपति और…
ContinueAdded by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 3, 2013 at 6:30am — 14 Comments
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