Added by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on November 21, 2016 at 6:30pm — 6 Comments
बहर :- 2212 2212 2212 2212
(हरिगीतिका छंद)
अनमोल क्षण जीवन के जो मन में बसा हरदम रखें,
जो जिंदगी के खाश पल उर से लगा हरदम रखें।
जिन याद से मस्तक हमारा शान से ऊँचा उठे,
उन याद के ख्वाबों को सीने में जगा हरदम रखें।
सन्तोष जो हमको मिला जब स्वप्न पूरे थे हुए,
उन वक्त के रंगीन लमहों को बचा हरदम रखें।
जब कुछ अलग हमने किया सबने बिठाया आँख पे,
उन वाहवाही के पलों को हम सजा हरदम रखें।
जो आग दुश्मन ने लगाई देश में आतंक…
Added by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on November 3, 2016 at 10:30am — 3 Comments
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