नई नई कुछ परिभाषाएँ, राष्ट्र-प्रेम की आओ गढ़ लें।
लेकिन आगे कैसे बढ़ लें?
मातृभूमि के प्रति श्रद्धा हो, यह परिभाषा है अतीत की।
महिमामंडन, मौन समर्थन परिभाषा है नई रीत की।
अनुचित, दूषित जैसे भी हों निर्णय, बस सम्मान करें सब।
हम भारत के धीर-पुरुष हैं, कष्ट सहें, यशगान करें सब।
चित्र वीभत्स मिले जो कोई,
स्वर्ण फ्रेम उस पर भी मढ़ लें।
मर्यादा के पृष्ट खोलकर, अंकित करते भ्रम का लेखा।
राष्ट्रवाद का कोरा डंका, निज…
ContinueAdded by मिथिलेश वामनकर on December 31, 2016 at 11:30pm — 23 Comments
वेदना अभिशप्त होकर,
जल रहें हैं गीत देखो।
विश्व का परिदृश्य बदला और मानवता पराजित,
इस धरा पर खींच रेखा, मनु स्वयं होता विभाजित ।
इस विषय पर मौन रहना, क्या न अनुचित आचरण यह ?
छोड़ना होगा समय से अब सुरक्षित आवरण यह।
कुछ कहो, कुछ तो कहो,
मत चुप रहो यूँ मीत देखो।
वेदना अभिशप्त होकर,
जल रहें हैं गीत देखो।
मन अगर पाषाण है, सम्वेदना के स्वर जगा दो।
उठ रही मष्तिष्क में दुर्भावनायें, सब भगा…
ContinueAdded by मिथिलेश वामनकर on December 28, 2016 at 11:00am — 18 Comments
2122 – 1122 – 1122 - 22
केश विन्यास की मुखड़े पे घटा उतरी है
या कि आकाश से व्याकुल सी निशा उतरी है
इस तरह आज वो आई मेरे आलिंगन में
जैसे सपनों से कोई प्रेम-कथा उतरी है
ऐसे उतरो मेरे कोमल से हृदय में प्रियतम
जैसे कविता की सुहानी सी कला उतरी है
मेरे विश्वास के हर घाव की संबल जैसे
तेरे नयनों से जो पीड़ा की दवा उतरी है
पीर ने बुद्धि को कुंदन-सा तपाया होगा
तब कहीं जाके हृदय में भी…
ContinueAdded by मिथिलेश वामनकर on December 26, 2016 at 8:30pm — 40 Comments
बदले-बदले लोग
============
बहुत दिन हो गए,
हमने नहीं की फिल्म की बातें।
न गपशप की मसालेदार,
कुछ हीरो-हिरोइन की।
न चर्चा,
किस सिनेमा में लगी है कौन सी पिक्चर?
पड़ोसी ने नया क्या-क्या खरीदा?
ये खबर भी चुप।
सुनाई अब न देती साड़ियों के शेड की चर्चा।
कहाँ है सेल, कितनी छूट?
ये बातें नहीं होती।
क्रिकेटी भूत वाले यार ना स्कोर पूछे हैं।
न कोई जश्न जीते का,
न कोई…
ContinueAdded by मिथिलेश वामनकर on December 21, 2016 at 3:00pm — 18 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |