ग़ज़ल
इस तरह तोड़ा हमारा दिल हमारे प्यार ने.|
जैसे हक जीने का हम से ले लिया संसार ने ||
जिंदगी को आज जकड़ा, इस तरह तूफ़ान ने,
ले लिया आगोश मैं मुझे दर्द के …
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 14, 2010 at 9:30pm — 2 Comments
ग़ज़ल
आ जाओ हमारी बांहों में, कुछ प्यार मोहब्बत हो जाये |
ये प्यार इबादत होता है, आओ ये इबादत हो जाये ||
दुनिया से भला क्या घबराना, जलता है कोई तो जलने दो.
आ जाओ मिला लें दिल से दिल, दुनिया से…
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 13, 2010 at 12:30am — 1 Comment
ग़ज़ल
महबूब मेरे सूरत तेरी, मुझे इतनी प्यारी लगती है |
सौ जन्मों से भी पहले की, तेरी - मेरी यारी लगती है ||
तेरा प्यार मेरी रग़ - रग़ में बसा है, बन के नशा हमराज़ मेरे,
एक पल की भी तन्हाई मुझे, कातिल …
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 12, 2010 at 1:30pm — No Comments
ग़ज़ल
छोटे से दिल में दुनिया का, दर्द छुपाये फिरता हूँ |
आंसू के फूलों से अपनी, लाश सजाए फिरता हूँ ||
अपना बनकर दिल को लूटना, है दस्तूर ज़माने का,
मैं ऐसे ही कुछ रिश्तों पे, खुद को लुटाये फिरता हूँ…
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 12, 2010 at 1:00pm — 1 Comment
ग़ज़ल
हर पल दिल ने तुझे पुकारा है यूँ अय हमराज़ मेरे |
भींग गए हैं रोते-रोते आंसू से हर साज़ मेरे ||
जी करता है - इन रश्मों की दीवारों से लड़ जाऊं,…
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 12, 2010 at 12:30pm — 1 Comment
ग़ज़ल
मित्रों , हमें ज्ञान का दीपक घर-घर आज जलाना होगा |
भटक गयी है जो मानवता , उसको राह दिखाना होगा ||
दिल से दिल को आज जोड़ना होगा हमको आगे बढ़कर,…
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 12, 2010 at 2:00am — 1 Comment
ग़ज़ल
यारों , पापों के हिंडोले की यह डोली बहुत बुरी है |
होली खेलो मगर खून की होली यारों बहुत बुरी है ||
तन से मानव बहुत मिलेंगे पर तुम बनना मन से मानव,
गोली बनो दवा की …
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 12, 2010 at 1:30am — 2 Comments
ग़ज़ल
Added by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 10, 2010 at 9:00pm — 1 Comment
ग़ज़ल
मैंने दुनिया की दुश्मनी देखी, दोस्त तू भी मुझे भुला देना |
तेरे दिल को ये हक है चाहे तो, मेरा नाचीज़ दिल जला देना ||
तुझको हमराज़-हमनशीं कर के, मैंने खुशियों के ख्वाब देखे थे,
मुझसे गर भर गया हो…
ContinueAdded by Abhay Kant Jha Deepraaj on December 9, 2010 at 12:30am — 2 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |