नव गीत.....
बेला महका.......
बेला महका चम्पा महकी
महकी है कचनार
झूम रहीं सब काकी बहनें
नृृत्य करें हर बार।
गाँव में शादी है होली
फूलों से सजती है डोली
संबन्धी ने भेजा न्योता
गाँव मेरे अब क्यों ना आता
बातों की भर मार।
रात रात भर बेला जागा
खिल न सका वह कहीं अभागा
कहीं गुंथ गया गजरे अन्दर
समझ रहा वह तुझे सिकन्दर
नहीं पा सकी पार।
बचपन बीता यौवन आया
शैतानी ने कदम बढ़ाया
तंत्र मंत्र…
Added by Abha saxena Doonwi on July 21, 2016 at 7:21pm — 8 Comments
2122-2122-212
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
झूठ की बुनियाद पर रिश्ते हुए,
ख़त्म सारे वास्ते उस से हुये.
बेवजह तुमने मिटाईं दूरियां,
पास रह कर भी न हम तेरे हुए.
गाल पर गिर कर भी जो लहरा रहे,
हर नज़र में कान के झुमके हुए.
जिंदगी से आज भी उम्मीद है,
हम नहीं रहते हैं अब सहमे हुए.
आपसे अक्सर सुना मैंने सनम
चार दिन की चांदनी कहते हुए
है मुखौटा आदमी का आज…
ContinueAdded by Abha saxena Doonwi on July 19, 2016 at 8:30am — 10 Comments
कैसे कहूँ कि तू मुझे चिट्ठी ही भेज दे,
तू है जहाँ वहां की तू मिट्टी ही भेज दे.
याद आ रही है मुझको तेरी आज इस तरह,
तू प्यार से लिख चिट्ठियां कोरी ही भेज दे.
करता तलाश नौकरी कैसे बता मिले,
चिठ्ठी नहीं तो तू मेरी अर्जी ही भेज दे.
बेज़ार हो चुकी बहुत तनहाइयों से मैं,
बेशक तू कोई याद पुरानी ही भेज दे.
इस जिंदगी की राह में कांटे बिछाये क्यूँ,
तू ज़िंदगी के नाम की रुबाई ही भेज…
ContinueAdded by Abha saxena Doonwi on July 6, 2016 at 5:41pm — 8 Comments
जिन्दगी का सफर खूब है,
मैं हूँ तनहा , मगर खूब है.
जिन्दगी कट रही शान से ,
ये सुहाना सफ़र खूब है .
क्या कहूँ मैं शबे-वस्ल को,
वो जगा रात भर खूब है.
प्यार की इंतिहा हो गई,
बेकरारी उधर खूब है .
हर दिशा में चमकता रहा ,
ये गणित का सिफर खूब है.
खार के साथ हैं फूल भी, ,
कंटकों की डगर खूब है
मानता हूँ मैं "आभा"तुझे,
वाह! तेरी नज़र खूब…
ContinueAdded by Abha saxena Doonwi on May 18, 2016 at 8:30am — 11 Comments
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