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Somesh kumar's Blog – December 2015 Archive (2)

एक फैसले की उलझने

एक फैसले की उलझने

“तो क्या फैसला लिया?” कुर्सी पर बैठते ही हर्ष ने सुमन की तरफ देखा

“यही तो दुविधा है|पापाजी से बात कि तो उन्होंने कहा कि दो-चार समझदार लोगों से पूछ लो बाकि तुम्हारे हर निर्णय में हम साथ खड़े हैं |- - - - - - -तो अब आप ही बताएँ कि क्या करना चाहिए ?”

“इन्हें क्या पता ?आप ऐसे लोगों से पूछों जो अंदर के हालत समझते हों |वही आपको सही गाइड कर सकते हैं |”

हर्ष के बोलने से पहले ही पल्लवी ने चाय रखते हुए कहा

“मम्मी जीतू,मारा है |”

“मम्मी सन्नी माला है… Continue

Added by somesh kumar on December 31, 2015 at 1:00pm — 2 Comments

फिर से कहा जैती पुर क कथा

फिर से कहा (जैतीपुर क कथा )

“नारायण बाबा “ “हे नरायण बाबा” पल्टू ने दुआरे से आवाज़ लगाते हुए पुकारा

“कौन है रे !सुबह –सुबह इतनी ज़ोर से बाग दे रहा है |”

“हम है बाबा |”पतलून और बुशर्ट पहिने और काला चश्मा लगाए साँवला मरियल सा लड़का बोला

“माफ करना बच्चा,पर तुम - - -“नारायण मिश्र ने पेशानी पर ज़ोर डालते हुए कहा

“हम है बाबा ,जोखू यादव का लौंडा पल्टू |याद तो होगा आपको |”

“अच्छा तो तू वही लौंडा है जिसका नेटा हमेशा बहता रहता था और जो दू के आगे कभी गिनबे नहीं किया |”

“जी… Continue

Added by somesh kumar on December 25, 2015 at 7:54pm — 7 Comments

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