मिल्कशेक और आम का पन्ना
नाच-नाच कर पीता मुन्ना
दिन आये गर्मी के रंगीन
पर हम शरबत के शौकीन l
एक दो तीन
हुई परीक्षा खतम कभी की
घर में छाई रहती मस्ती
उछल कूद कर मुन्नी हँसती
मम्मी सब पर रहे बरसती
हर दिन होता दंगे का सीन l
पर हम शरबत के शौकीन l
तीन चार पाँच
कुल्फी, शरबत और ठंडाई
ठंडी रबड़ी और मलाई
सबने घर में डट कर खाई
भूल-भाल गये सभी पढ़ाई
ना लगता कोई ग़मगीन l
पर हम शरबत के शौकीन l
छे सात आठ
आँगन था काफी गरमाया
क्यारी में बेला कुम्हलाया
पानी से छिड़काव लगाया
सबने डेरा वहाँ जमाया
आई चाय और नमकीन l
पर हम शरबत के शौकीन l
मिल्कशेक और आम का पन्ना
नाच-नाच कर पीता मुन्ना
दिन आये गर्मी के रंगीन
पर हम शरबत के शौकीन l
-शन्नो अग्रवाल
Comment
अशोक कुमार जी, बहुत अच्छा लगा जानकर कि आपको रचना पसंद आई. आपका बहुत धन्यबाद.
शन्नो जी
सादर, गर्मी की छुटियाँ लगी की बस बच्चों को तो आनंद ही आ जाता है कोई ननिहाल जा रहा है तो कोई कहीं और घुमने. बस इन्तजार ही रहता है छुट्टियों का. बहुत सुन्दर रचना आपकी बचपन के छुट्टी के दिन याद करा दिए. बधाई.
सारस्वत जी, रचना आपको पसंद आई इसके लिये आपका हार्दिक धन्यबाद.
हुई परीक्षा खतम कभी की
घर में छाई रहती मस्ती
उछल कूद कर मुन्नी हँसती
मम्मी सब पर रहे बरसती
हर दिन होता दंगे का सीन l
पर हम शरबत के शौकीन l
बेहतरीन , रचना !
सौरभ जी, गणेश जी, प्राची जी, योगराज जी, महिमा जी, रेखा जी, सुरेन्द्र जी....आप सबको रचना पसंद आई ये जानकर मन बहुत हर्षित है. आप सभी को मेरा हार्दिक धन्यबाद.
सरिता जी, रचना की सराहना के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यबाद. लगता है कि बच्चों के पीछे काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती होगी उनकी छुट्टी के दिनों में..और अच्छी-खासी कसरत होकर वजन अपने आप कम हो जाता होगा...हा हा हा ...आप अपना भी खाने-पीने का उचित ख्याल रखा कीजिये.
मिल्कशेक और आम का पन्ना
नाच-नाच कर पीता मुन्ना
दिन आये गर्मी के रंगीन
पर हम शरबत के शौकीन l
शन्नो जी .सारी गिनती याद आ गयी .और हम सब देशी हो गए ...सुन्दर सन्देश और गर्मी से बचने का उपाय ..आभार . -भ्रमर ५
तीन चार पाँच
कुल्फी, शरबत और ठंडाई
ठंडी रबड़ी और मलाई
सबने घर में डट कर खाई
भूल-भाल गये सभी पढ़ाई
ना लगता कोई ग़मगीन lshanno ji yh pdh kar hm bhi garmi bhuul gaye ,badhaai.
आदरणीया शन्नो दीदी , नमस्कार ,
वाह आपकी एक दो तिन ने तो बचपन के गर्मियों के छुट्टियों की मस्ती याद दिला दी .. हार्दिक बधाई आपको
आदरणीय शन्नो जी, नमस्कार, गर्मी के ख़ूबसूरत पक्ष को सामने रखती सुन्दर कविता....
बहुत सुन्दर कविता कही है शन्नो जी, बात कहने का आपका अपना ही एक निराला अंदाज़ है. मैं आपको बहुत देर से पढ़ रहा हूँ एक बात तो माननी पड़ेगी कि आपने अपना स्टेंडर्ड मेंटेन रखा है. बहरहाल इस रचना पर मेरी दिली बधाई स्वीकार करें.
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