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बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय
द्वापर का वह दृश्य, झांकियां लगती जिन्दा.
वाह वाह वाह
परम आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम,
रचना आपको भा गयी यह पढ़कर मन को सुकून मिला अतएव आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ आदरणीय रचना में निहित दोषों के प्रति आगाह करने हेतु भी आपका ह्रदय से धन्यवाद प्रकट करता हूँ. आदरणीय मूल रचना में निम्नवत संशोधन कैसा रहेगा
झांकियां लगती जिन्दा.
आदरणीय रामशिरोमणि जी सादर,
आपकी रचना पर प्रेषित प्रतिक्रिया भी आदरणीय उतनी ही मन को प्यारी लगी है अतएव आपका ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ.
कृष्ण के जन्मोत्सव पर आपकी कुण्डलिया भा गयीं, आदरणीय
दधि माखन के खोज में ......... की खोज में, न कि के खोज में
सजिंदा .............. संज़ीदा ..
शुभ
श्री कृष्ण की तरह आपकी रचना में भी बड़ी प्यारी सी चंचलता है //हार्दिक बधाई आपको
आदरणीय जवाहरलाल जी, वसुंधरा जी, श्याम नारायण जी, गिरिराज जी, विजय जी, केवल प्रसाद जी, राजेश कुमार जी आप सबका हार्दिक आभार
जय हो । बड़ी सुंदर रचना है, सादर
आ0 सत्य नारायण भाई जी, वाह! अतिसुन्दर । हृदयतल से हार्दिक बधाई। सादर,
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