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"नूतन-वर्ष "-कविता /अर्पणा शर्मा

उँगलियों पर रहे थिरकती,  

लेखा-जोखा समय का रखती,  

देखो वो चली, विदा ले चली,  

हाथ हिलाते, हँसते-मुस्काते,  

ये बारह माहों की गिनती,

तीन सौ पैंसठ दिनों का सफर,

खत्म कर पकड़ेगी, इक कोरी-नई ड़गर,

इसके नए पन्नों पर होगी ,

अब लिखी इक इबारत नई,

छोड़ अनेकों पीछे, अनेकों साथ जोड़ते,

देखो वो आई, आ ही चली,

इक नूतन बारह माहों की गिनती,

समय-प्रवाह थपेड़े में ,

जीवनयात्रा के रेले में,

इक वर्ष और कम होगा,

कुछ और होंगे नवल सुख ,

कुछ और अलग गम होगा,

होंगी नई उमंगें और आशाएँ नई,

देखो वो खड़ी, दस्तक देने आ चली,

ये नूतन बारह माहों की गिनती,

छोड़ विगत, वर्तमान सँवारें,

आगत के सहर्ष पाँव पखारें,

सर्वत्र सुख, समृद्धि, शांति हो,

प्रार्थनाएं में यूँ नित उच्चारें,

नूतन ओज-उल्लासों से,

सत् -कामनाओं की भर गठरी,  

लो पुलकित ह्रदयों पर छा चली,

नूतन  बारह माहों की गिनती,

शुभ हो ,असीम मंगलमय,

शत्-शत् अभिनंदन यह करती...!!

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 638

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 8:15am

आ. अपर्णा जी, सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 3, 2018 at 10:41pm

वाह वाह सुन्दर भावभरी कविता..हार्दिक बधाई

Comment by Samar kabeer on January 2, 2018 at 5:44pm

मोहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,नव वर्ष के स्वागत में बढ़िया रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by pratibha pande on January 1, 2018 at 6:10pm

बहुत सुन्दर रचना नूतन वर्ष  के स्वागत मे , बधाई व नववर्ष की शुभकामनाएँ प्रिय अर्पणा जी

Comment by Mohammed Arif on January 1, 2018 at 2:07pm

आदरणीया अपर्णा जी आदाब,

                    नववर्ष के आगमन और बीते वर्ष के आरोह-अवरोह को दर्शाती बेहतरीन रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । नववर्ष की असीम मंगल कामनाएँ ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2018 at 1:55pm

आद0 अर्पणा शर्मा जी सादर अभिवादन। बेहतरीन सृजन। पूरा लेखा जोखा कह दी आपने, बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 1, 2018 at 12:52am

नव वर्ष मंगलमय हो। बहुत बढ़िया सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीया अपर्णा शर्मा जी।

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