For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पति ब्रांड ...

बिखरे बाल 
हाथ में झोला 
कई जगह से 
पैबंद लगा 
कुर्ते का चोला 
न जाने ऊपर वाले को 
क्या सूझा कि 
पत्नी के अखाड़े में 
पति को पेल दिया 
अच्छे भले 
बिन ब्याहे नैन 
नैन शाला में पड़ते थे 
केश सौंदर्य में 
अजब सा अल्हड़पन था 
भ्रमर से 
कलियों पे मंडराते थे 
ख्वाब भी हसीन होते थे 
लेकिन कब तक 
बिना पट्टे की 
आवारा घूमते 
घरवालों के तानों से परेशान 
हमने पसंद कर ली 
ब्रांडेड नार 
पत्नी 
और ब्रांडेड नार ने 
टांग दिया हमारे गले में 
पति ब्रांड का टैग 
कुछ वर्ष तो 
स्वप्न लोक से बीते 
फिर 
धीरे धीरे 
सपने बेलन और चकले के संघर्ष में 
बिखरते गए 
दो ब्रांडों के मिलन के प्रतिफल 
नन्हें ब्रांडों ने 
एकांत छीन लिया 
पत्नी अम्मा हो गयी 
पति बापू हो गए 
टूटे बटनों से 
हमारे विवाहित वर्षों की 
गिनती होने लगी 
पति ब्रांड के टैग ने 
नैन शालाओं के द्वार बंद कर दिए 
यूनिवर्सिटी जब साथ होती है 
पति शालाओं से नजर चुराता है 
बाहर से मुस्कुराता है 
भीतर से खुद को समझाता है 
शालीनता बनाये रख 
वरना भरे बाज़ार में 
ब्रांड कंडम हों जाएगा 
शालाओं के चक्कर में 
यूनिवर्सिटी से भी जाएगा 
जीते जी
पत्नी के हाथों 
पति ब्रांड 
सती हो जाएगा

©सुशील सरना 
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 21, 2018 at 1:54pm

आदरणीय बृजेश जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का आभारी है।

Comment by Sushil Sarna on September 21, 2018 at 1:54pm

आदरणीय अजय तिवारी जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 21, 2018 at 1:54pm

आदरणीय समर कबीर साहिब , आदाब .... सृजन को मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 21, 2018 at 1:54pm

आदरणीय डॉ छोटेलाल जी सृजन आपकी मधुर प्रशंसा का आभारी है।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 21, 2018 at 10:21am

हाहाहा...बहुतखूब आदरणीय..क्या खूब हास्य रंग बिखेरा है..

Comment by Ajay Tiwari on September 20, 2018 at 5:19pm

आदरणीय सुशील जी, हास्य पैदा करना एक मुश्किल काम है और यह काम आपकी यह कविता {या संस्मरण :)))...} बखूबी करती है हार्दिक बधाई.

Comment by Samar kabeer on September 19, 2018 at 10:21pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on September 19, 2018 at 2:08pm

आदरणीय सुशील सरना जी उम्दा भाव के साथ बेहतरीन सृजन के लिए बहुत बहुत बधाई

Comment by Sushil Sarna on September 18, 2018 at 7:45pm
आदरणीय गंगाधर शर्मा जी सृजन के भावों पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया एवं टंकण त्रुटि इंगित करने का दिल से आभार। मैंने रचना संशोधनोपरांत पुनः पोस्ट कर दी है। हार्दिक आभार।
Comment by Ganga Dhar Sharma 'Hindustan' on September 18, 2018 at 4:59pm

आदरणीय सरना जी ..... हँसते-मुस्कुराते मर्मान्तक पीड़ा को अभिव्यक्ति प्रदान करती ब्रान्डेड रचना के लिए हार्दिक बधाई...नीचे से चौथी पंक्ति... 'जीती जी' शायद 'जीते जी ' रहा होगा....सुन्दर रचना के लिए पुनः बधाई...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service