For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- नेकियाँ तो आपकी सारी भुला दी जाएँगी / दिनेश कुमार

2122---2122---2122---212
.
नेकियाँ तो आपकी सारी भुला दी जाएँगी
ग़लतियाँ राई भी हों, पर्वत बना दी जाएँगी
.
रौशनी दरकार होगी जब भी महलों को ज़रा
शह्र की सब झुग्गियाँ पल में जला दी जाएँगी
.
फिर कोई तस्वीर हाकिम को लगी है आइना
उँगलियाँ तय हैं मुसव्विर की कटा दी जाएँगी
.
इनके अरमानों की परवा अह्ले-महफ़िल को कहाँ
सुबह होते ही सभी शमएँ बुझा दी जाएँगी
.
नाम पत्थर पर शहीदों के लिखे तो जाएँगे
हाँ, मगर क़ुर्बानियाँ उनकी भुला दी जाएँगी
.
कौन मुरझाने से रोकेगा गुलों को ऐ 'दिनेश'
बुलबुलें ही बाग़ से जब सब उड़ा दी जाएँगी
.
दिनेश कुमार ( मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 899

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Asif zaidi on January 22, 2019 at 5:27am

मोहतरम जनाब समर कबीर साहब आदाब बहुत शुक्रिया, ग़लती के लिए दिनेश कुमार जी से माफ़ी चाहुंगा, ओबीओ परिवार से जुड़ना सौभाग्य है,

लेकिन ऐसी ग़लती और भी हो सकती है, कारण अनुभव की कमी है,उसके लिए पेशगी माज़रत भी चाहता हूँ... सादर 

Comment by Samar kabeer on January 21, 2019 at 10:29pm

जनाब आसिफ़ ज़ैदी साहिब आदाब,ये ग़ज़ल "दिनेश कुमार" जी की है,"तुरंत" जी की नहीं है ।

दूसरी बात ये कि इस मंच पर उस्ताद शागिर्द की परंपरा नहीं है,इसलिए बराह-ए-करम मुझे उस्ताद न लिखा करें ।

Comment by Asif zaidi on January 21, 2019 at 6:08pm

मोहतरम जनाब तुरंत जी बहुत उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद!

उस्तादे-मोहतरम जनाब समर कबीर साहब के कमेंट से मुझे सीखने मिला,

आप दोनो अज़ीम हस्तीयों का बहुत शुक्रिया सादर

Comment by Balram Dhakar on December 12, 2018 at 10:01pm

आदरणीय दिनेश जी, बहुत शानदार ग़ज़ल के लिए दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं।

सादर।

Comment by मनोज अहसास on November 30, 2018 at 10:50am

हार्दिक बधाई भाई साहब

Comment by क़मर जौनपुरी on November 17, 2018 at 12:45pm

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत मुबारकबाद।

Comment by Samar kabeer on November 14, 2018 at 2:20pm

जनाब सौरभ भाई आदाब,मिज़ाज बख़ैर ।

अब आये हैं तो ब्लॉग पर जनाब श्रीपूनम जौधपुरी साहिब का नवगीत भी देख लें मुझे उस पर आपकी टिप्पणी दरकार है,कृपया कष्ट करें ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 14, 2018 at 2:10pm

भाई दिनेश जी, एक अच्च्छी ग़ज़ल से आपने पटल को समृद्ध किया है. बहुत ख़ूब. अभी पटल पर आना वाकई फल गया. 

हार्दिक बधाइयाँ 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 14, 2018 at 7:45am

आ. भाई दिनेश जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on November 11, 2018 at 5:15pm

आद0 दिनेश जी सादर अभिवादन,, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल, वाह वाह, बधाई स्वीकार कीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service