प्रिय अलबेला जी जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामना... तुम जियो जितने साल....जिंदगी सदा रहे खुशहाल जो भी लिखो मचे बवाल,टिपण्णी पे हो टिपण्णी सवालों पे सवाल, बिना उबाल गलती रहे दाल, झडे ना कभी बाल,शर्म से या खुशी से गुलाबी रहे गाल, मिटते रहे जंजाल, हम जैसे आफतों को झेलने मोटी रहे खाल
आज नाग पंचमी के पावन अवसर के साथ साथ आपके जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई
श्री अलबेला जी आपको ओबीओ मंच पर महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक शुभकामनाएँ.....मैं इस मंच पर एक नया सदस्य हूँ ......आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुंदर लगी ..."जिनके सर पर बाल नहीं हैं बाबा जी " ।
उम्मीद है आप से और बाकी सदस्यों से यहाँ बहुत कुछ सीख पायेंगे ..और हमें प्रेरित करते रहेंगे ..
आदरणीय अलबेला जी आप की सक्रियता ने आखिर वो मुकाम ला ही दिया महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने हर हार्दिक बधाई आप की विजयवाड़ा दक्षिण की यात्रा मंगलमय हो ...
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Albela Khatri's Comments
Comment Wall (32 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
aapka bahut-bahut aabhar albela ji
हार्दिक स्वागत कविश्रेष्ठ और पुनः हार्दिक बधाई !!
janm din ki aapko haardik shubhkaamanaayen
sneh aur asheesh ham anujon par banaye rakhiye
janm din ki aapko haardik shubhkaamanaayen
sneh aur asheesh ham anujon par banaye rakhiye
जन्म दिन की हार्दिक मंगल कामनाए | प्रभु आपको विकास पथ पर बढ़ते रहने में सक्षम बनावे |
आपक हमारा स्नेह बना रहे | सादर
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर...
आदरणीय अलबेला भैया, आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.........
बहुत बहुत धन्यवाद खत्री साहब
प्रिय अलबेला जी जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामना... तुम जियो जितने साल....जिंदगी सदा रहे खुशहाल जो भी लिखो मचे बवाल,टिपण्णी पे हो टिपण्णी सवालों पे सवाल, बिना उबाल गलती रहे दाल, झडे ना कभी बाल,शर्म से या खुशी से गुलाबी रहे गाल, मिटते रहे जंजाल, हम जैसे आफतों को झेलने मोटी रहे खाल
आज नाग पंचमी के पावन अवसर के साथ साथ आपके जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई
ओबिओ पर पाइए जी, हम सभी का प्यार.
जन्म दिन पर गुलगुलों की, आज हो बौछार .
जिंदगी भर मस्तियों का , गीत गूंजे यार.
लें बधाई आज हमसे , छंद से अभिसार .. सादर
आदरणीय अलबेला सर जी को जन्मदिन की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं
आपके लिए ग़ज़ल लिखी है साहब
जन्म दिवस की बहुत बधाई बाबा जी
बाँट रहे हो कहाँ मिठाई बाबा जी
खींच रहे तस्वीर जमाने की अब तो
लेख लिखें या करें खिंचाई बाबा जी
हँस हँस के सब लोट पोट हो जाते हैं
भांग खिला के चरस पिलाई बाबा जी
गाल गुलाबी जिनके ये करके आये
सूरत उसने नहीं दिखाई बाबा जी
दीप खड़ा उनके ही बस गुण गान करे
खूब रही जो कथा सुनाई बाबा जी
जन्म दिवस की बहुत बधाई बाबा जी
बाँट रहे हो कहाँ मिठाई बाबा जी
उठाते ही पहले प्रातः बेला,
श्री अलबेला जी आपको ओबीओ मंच पर महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक शुभकामनाएँ.....मैं इस मंच पर एक नया सदस्य हूँ ......आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुंदर लगी ..."जिनके सर पर बाल नहीं हैं बाबा जी " ।
उम्मीद है आप से और बाकी सदस्यों से यहाँ बहुत कुछ सीख पायेंगे ..और हमें प्रेरित करते रहेंगे ..
शुक्रिया
हर्ष महाजन ।
आदरणीय अलबेला जी आप की सक्रियता ने आखिर वो मुकाम ला ही दिया महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने हर हार्दिक बधाई आप की विजयवाड़ा दक्षिण की यात्रा मंगलमय हो ...
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
पूनम की रात (दोहा गज़ल )
तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
यथार्थवाद और जीवन
ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
तरही ग़ज़ल
गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
दोहा पंचक. . . अपनत्व
दोहा पंचक. . . नया जमाना
Latest Activity
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
सदस्य टीम प्रबंधनDr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
पूनम की रात (दोहा गज़ल )