जन्मदिन की शुभकामनाएं प्राप्त कर हार्दिक प्रसन्नता हुयी. इन्हें भेजने के लिए आपका अतिशय धन्यवाद. मेरी ओर से भी आपको व आपके परिवार को अनेक अनेक शुभकामनाएं.
आद० मिथलेश वामनकर सर,ओपन बुक्स ऑन लाईन परिवार में जोड़ने के लिए तहे-दिल धन्यवाद,आपके निर्देशन में शायद हम जैसे मेढ़क भी मछली बन तैरना सीख जाए ...आपके नेक इरादे सदा बुलंद रहें,शुभकामनाएँ
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी , अंगुलियों की टिप्स ने कोशिश की थी आपके एक्टिविटी कमेंट्स देखने के लिए लेकिन फिसलकर जाने कैसे आपके नाम पर चली गई । अंगुलियों के टिप्स ने जैसे ही हरकत की , आसमानी रंग छा गये नजरों के सामने लहराते हुए बलखाते हुए लहरों सी कुछ तस्वीरें आई और ठहर गई कि अरे , यह तो आपका पन्ना है , वाह ! क्या खूबसूरत पन्ना है । अबतक पीले नारंगी आँखों के सामने जो आते थे जो ओबीओ के पन्ने , वो आसमानी हो चुके थे । अति सुंदर सब कुछ ..... यहाँ बहुत कुछ मिला आपके द्वारा लिखी गई भाव अभिव्यक्तियों की प्रचुर सामग्री और सबसे अद्भुत तो आपका संक्षिप्त जीवन परिचय । क्या संक्षिप्त कहूँ इसे ,नहीं वो लघुकथा सी सम्पूर्ण उपन्यास ही है । युँ कहिये की जीवन की विविधता लिये एक सुंदर तरन्नुम सी । नहीं मालूम था कि भोपाल से आपका नाता है । नाता क्या भोपाल तो ससुराल ही है । बहुत सुंदर रोचकता से भरपूर आपके जीवन का एक सुंदर और सुखद पहलु देखा । थोडा सा और जाना हमारे ओबीओ मंच प्रबंधक में से एक के जीवन जीने के सलीके और तरीके को ।बेहद ही उम्दा । खूब लिखिए खूब सँवरिये और खूब बिंदास ओबीओ प्रबंधिकी संभालिये । अब नहीं लिखती हूँ कुछ भी जरा क्योंकि अभी आपकी रचनाएँ भी यहाँ पढनी है । सादर
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मिथिलेश वामनकर's Comments
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श्रीमान मिथलेश जी , अनेकों धन्यवाद।
आपकी शुभकामनाओं के लियें हार्दिक आभार मिथिलेशजी I
धन्यवाद आ. मिथिलेशजी
प्रिय मिथिलेश जी,
जन्मदिन की शुभकामनाएं प्राप्त कर हार्दिक प्रसन्नता हुयी. इन्हें भेजने के लिए आपका अतिशय धन्यवाद. मेरी ओर से भी आपको व आपके परिवार को अनेक अनेक शुभकामनाएं.
आद० मिथलेश वामनकर सर,ओपन बुक्स ऑन लाईन परिवार में जोड़ने के लिए तहे-दिल धन्यवाद,आपके निर्देशन में शायद हम जैसे मेढ़क भी मछली बन तैरना सीख जाए ...आपके नेक इरादे सदा बुलंद रहें,शुभकामनाएँ
धन्यवाद आ. मिथिलेश सर. आपलोगों की हौसला आफ़ज़ाई मुझे हमेशा बेहतर करने की प्रेरणा देती है. कथा पर अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद.
बहुत-बहुत आभार.....
अभी -अभी एक लघुकथा तथा कविता प्रेषित कीहै।पुनः धन्यवाद!
सादर ममता
आपका दोहा गीत पढ़ा अति सुन्दर
छंद बद्ध रचना आज कल कम दिखती है
किन्तु इस मंच पर आकर तो जैसे खजाना ही मिल गया
अतयन्त सुखद अनुभूति
इसके लिये आप की टीम को आभार
साथ ही सीखने का प्रयास भी रहेगा
धन्यवाद
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें आदरणीय मिथिलेश जी..
धन्यवाद श्रीमान.
आदरणीय मिथिलेश भाई
आपके अनुरोध को आज ही देख पाया । मुझे भी हार्दिक खुशी हुई आपको मित्र बनाकर , धन्यवाद ।
आपका बहुत बहुत आभार :)
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