For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीनों का बस एक गुज़ारा ठाकुरजी

दीनों का बस एक गुज़ारा ठाकुरजी

कष्टनिवारक नाम तुम्हारा ठाकुरजी

 

जग ने हमको दुत्कारा है हर युग में

रखना तुम तो ध्यान हमारा ठाकुरजी

 

साख भराऊं तुमरे सूरज चंदा से

देहातों में है अँधियारा  ठाकुरजी

 

युगों युगों से खोज रहा हूं मैं ख़ुद को

दर दर भटकूं मारा मारा ठाकुरजी

 

सप्त सिंधु है बेबस तेरी अँजुरी में

मेरे होठों पर अंगारा ठाकुरजी

 

बीच भँवर में नैया डोले टेर सुनो

टूटा चप्पू दूर किनारा ठाकुरजी

 

तेरी माया तू ही जाने रघुनंदन

नदियाँ मीठी सागर खारा ठाकुरजी

 

चाह यही है मातृधरा की सेवा में

अर्पित कर दूं जीवन सारा ठाकुरजी

 

गीत झरोखे से इतना सुख झरता है

कट जायेगी गम की कारा ठाकुर जी 

.

 मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 406

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2014 at 11:12am

सार्थक और सुंदर भाव रचित गजल मन को छू गयी | बहुत बहुत बधाई श्री खुर्शीद खैराडी जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 12, 2014 at 10:55am

बहुत ही सहजता के साथ बड़ी गहन गहन बातें करते अशआर बहुत पसंद आये 

हर शेर बहुत सुन्दर हुआ है 

हार्दिक बधाई आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 11, 2014 at 3:21pm

बेहतरीन , लाजवाब ,अति सुन्दर i बधाई हो i

Comment by Mohinder Kumar on November 11, 2014 at 11:09am

आदरणीय खुर्शीद जी सार्थक सात्विक विचार प्रवाह लिये आपकी रचना को  पढना अत्यंत सुखकर लगा.  लिखते रहिये

 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 11, 2014 at 8:30am

बहुत सुंदर गजल. इस गजल को पढ़कर मन को तसल्ली होती रही, वैसे ही जैसे अत्यधिक धुप से छाँव में आ गये हों. ह्रदय से बधाई स्व्वीकरिये आदरणीय खुर्शीद साहब

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 10, 2014 at 10:51pm

कष्टनिवारक नाम तुम्हारा ठाकुरजी
रखना तुम तो ध्यान हमारा ठाकुरजी
बहुत सही लिखा है , हम ईश्वर का ध्यान इसलिए रखते हैं ताकि वह हमारा ध्यान रखे।
बहुत ही सारगर्भित प्रस्तुति आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी , बधाई , सादर।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 10, 2014 at 6:35pm

इस ग़ज़ल को पढ़कर रूह तक ठंडक पहुंची है आ० खुर्शीद खैराड़ी साहिब। इस लाजवाब प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service