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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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बिन ख़ता के  तेरी अदालत में

जाने क्या-क्या कहा गया है मुझे', बेजोड़ कहन, बधाइयाँ आदरणीय। 

आद० मनन कुमार जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया 

सभी शेर उम्दा लगें, गिरह बहुत खूबसूरती से बाँधी हैं, कोयला वाला शेर पर विशेष दाद, बहुत बहुत बधाई इस ग़ज़ल पर स्वीकार करें आदरणीया राजेश जी.

यूँ संभलना सिखा गया है मुझे
सबके चेहरे दिखा गया है मुझे


खार बिखरे  हैं  रास्तों पे मगर
उनपे चलना बता  गया है मुझे


कभी कहता है दोस्त और कभी
बेरुखी  भी  जता  गया  है  मुझे


लड़खड़ाते  हैं  कदम  अब  मेरे
जाम ऐसा  पिला  गया है मुझे


रात दिन खौफ़ में गुजरता है
दर्द  ऐसा  सता  गया  है मुझे


अपनी सूरत पे अब गुरुर नहीं
आईना यूँ  दिखा  गया है मुझे


मंजिलें  दूर  कहाँ  अब मुझसे
सब्र करना तो आ गया है मुझे


दूसरों  में  कमी  नहीं  दिखती
खुद से ऐसा मिला गया है मुझे !!

मौलिक एवम अप्रकाशित

आ. विनय कुमार जी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई। मतले में काफ़िया दोष दिखाई दे रहा है और //लड़खड़ाते  हैं  कदम  अब  मेरे// इसकी तक्तीअ फिर से करके देखें

मतले में काफिया दोष है आदरणीय विनय जी। ग़ज़ल एक बार देख लीजिएगा। बहरहाल इस सार्थक प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई कीजिए। सादर।

जनाब विनय कुमार साहिब,

ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें,

४थे शे'र का ऊला मिसरा बह्र में नहीं है,

गिरह का मिसरा भी बह्र में नहीं है,,

गौ़र कीजिएगा,

 

आदरणीय विनय जी, अच्छे अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई . बाकी बातें विज्ञजन कह चुके हैं.

जनाब विनय कुमार जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें ।

आदरणीय विनय कुमार जी आदाब,

  1.                                बेहतरीन ग़ज़ल । दाद के साथ दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

आद० विनय कुमार जी अच्छी ग़ज़ल कही है जहाँ कमी थी शाइर लोग बता चुके हैं आपको मेरी और से तो बधाई लीजिये 

यूँ संभलना सिखा गया है मुझे 
सबके चेहरे दिखा गया है मुझे

मतले के दोनी मिसरों में में "खा" की बंदिश लेकर आपने व्यंजन "ख" इसे हर्फ़-ए-रवी स्वीकार किया है अत: इसे अंत तक निभाना आपका फ़र्ज़ बन जाता है. इसका संज्ञान लें. बहरहाल इस प्रस्तुति पर मेरी दिली बधाई स्वीकार करें. गिरह का शेअर अच्छा है और अंतिम शेअर भी बहुत पसंद आया. 

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8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
yesterday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"वैशाख अप्रैल में आता है उसके बाद ज्येष्ठ या जेठ का महीना जो और भी गर्म होता है  पहले …"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"सहृदय शुक्रिया आ ग़ज़ल और बेहतर करने में योगदान देने के लिए आ कुछ सुधार किये हैं गौर फ़रमाएं- मेरी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई जयनित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई संजय जी, अभिवादन एवं हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday

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