आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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मैडम जी, आप जी का बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत खूब आ० मोहन बेगोवाल जी, अच्छी लघुकथा हुई है हालाकि रचना अभी और मेहनत मांग रही हैI बधाई स्वीकारेंI
आदरनीय सर जी, बहुत बहुत धन्यवाद
आदरनीय समर कबीर जी, बहुत धन्यवाद जी
आ.बेगोवाल जी रचना को समझने मे थोडी उलझन हुई. किंतु २-३ बार पढने पर समझ आ गई. बधाई इस रचना के लिए
उफ्फ्फ कहानी का अंत भावुक करने वाला है सच में देर कर दी रामू ने :(((
प्रिय कल्पना जी कहानी देर से आई किन्तु खूब आई
हार्दिक बधाई आपको |
हार्दिक बधाई आदरणीय कल्पना जी ! बेहतरीन प्रस्तुति!यदि आप इस लघुकथा में से अंतिम चार पंक्तियां हटा दें तो लघुकथा अधिक प्रभावी बनेगी!यह मेरी निजी रॉय है!वैसे अन्य गुणीजनों की रॉय की भी प्रतीक्षा करें!
क्या कहने है आ० कल्पना भट्ट जी, कमाल की कलम चलाई है इस बारI रचना कसी हुई भी है, शिल्प और कथ्य के लिहाज़ से भी प्रभावशाली हुई हैI दिल की गहरायिओं से आपको मुबारकबाद दे रहा हूँ, स्वीकार करेंI
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