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देखा गया है कि नए के साथ साथ पुराने रचनाकार भी रचना पोस्ट करते समय बहुत सी महत्वपूर्ण बातों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं, जिसके कारण रचनाएँ अनुमोदित करने में देरी भी होती है और काफी समय भी बर्बाद होता हैI अत: सभी से करबद्ध निवेदन है कि रचना पोस्ट करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें:


१. केवल अपनी मौलिक और अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें I
२. रचना के नीचे "मौलिक और अप्रकाशित" अवश्य लिखें I.
३. रचना केवल सामान्य फॉण्ट, रंग और साइज़ (२) में ही पोस्ट करें I बोल्ड, इटेलिक, बड़े बड़े एवं रंग-बिरंगे फॉण्ट/टेक्स्ट में पोस्ट न करें I
४. रचना केवल लेफ्ट एलाइंड ही पोस्ट करें I
५. रचना के नीचे अपना पता, फोन नम्बर, लिंक/ब्लॉग पता आदि न लिखें   
६. रचना पोस्ट करते समय उसका शीर्षक "Title Post" में अवश्य लिखें I शीर्षक के साथ कोई सिंबल आदि न लगायें
७. रचना पोस्ट करते समय उसके शीर्षक के बाद ब्रेकेट में विधा का नाम अवश्य लिखें I
८. रचना पोस्ट करते समय "टैग" के अंतर्गत सम्बंधिटी विधा का नाम (कविता, छंद, दोहा, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा आदि) अवश्य लिखें I रचनायों के सही वर्गीकरण हेतु यह नितांत आवश्यक है I
९. टैग में किसी व्यक्ति का नाम न लिखें I

१०.एक दिन में एक से अधिक रचना पोस्ट न करें .

सादर
योगराज प्रभाकर
(प्रधान सम्पादक)

संशोधित* 

Views: 1173

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत बहुत आभार आपको ब्लाॅग्स पोस्ट संबंधी बातें विस्तार से बता कर हम सबका मार्गदर्शन करने के लिए । नमन

मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद |अब आगे ध्यान रखूंगी |

बहुत आभार सर
वास्तव में ये गलती कई बार होती है
आगे ध्यान रखा जाये ऐसा प्र्यास करूँगा
आदरणीय योगराज सर, चूँकि ओबीओ पर रोज़ कई रचनायें आ रहीं हैं और जब तक रचना को पर्याप्त समय न दिया जाये प्रतिक्रिया महज़ औपचारिकता बन कर रह जायेगी। जिनकी प्रतिक्रिया आती है वो स्वयं रचनाकार हैं उन्हें भी पोस्ट करने से पहले रचना को समय देना होता है। इसके अलावा सबके निजी कार्य एवं व्यस्ततायें भी हैं जिसके चलते मंच को पर्याप्त समय देना कई सदस्यों के लिये भी दुश्वार हो रहा है। मैं खुद अपनी बात कहूँ तो मैं मंच पर मौजूद रचनाओं को न समय दे पा रहा हूँ और न अपनी रचनायें पोस्ट कर पा रहा हूँ। यहाँ मैं एक सुझाव देना चाहता हूँ यदि प्रतिदिन रचनाओं की संख्या निर्धारित कर दी जाये और एक रचनाकार के द्वारा प्रति सप्ताह एक ही रचना ब्लॉग पोस्ट पर निर्धारित कर दिया जाये तो रचना को पढ़ना एवं प्रतिक्रिया देना अपेक्षाकृत आसान हो जायेगा। ये मेरा अवलोकन भर है, चार आयोजन तो हो ही रहे हैं उसके अलावा चार रचनायें और, मेरे विचार से रचनाकारों को भी अपनी रचनाओं को पोस्ट करने से पहले पर्याप्त समय मिल सकेगा, सभी रचनाओं तक पहुँचना भी आसान हो जायेगा। ये मेरे निजी विचार हैं।

सादर,

जी ! उचित  मार्गदर्शन  किया है आदरणीय  प्रधान  सम्पादक  साहब अवश्य  ही  इस पर  ध्यान  रखूँगा.सादर  प्रणाम.

विन्दुवत बातें आवश्यक होती हैं. 

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय योगराजभाईजी

बहुत बहुत शुक्रिया । महत्वपूर्ण बातें समय समय पर बताने का आपका आभार। बहुत कुछ सीखने को मिलता है इतने गुणीजनो के साथ अपनी रचना प्रस्तुत करके। धन्यवाद
यह सही निर्णय है इंटरनेट की दुनिया में समय का ध्यान रखना सभी बुद्धिजीवियों के लिए कार्य है हमें दूसरों के समय का भी ध्यान रखना चाहिए
मार्गदर्शन के लिए आपका धन्यवाद आदरणीय योगराज प्रभाकर जी

मार्गदर्शन के लिए आभार आदरणीय योगराज जी. न चाहते हुए भी प्राय: हममें से अधिकतर लोग (मैं भी उनमें एक हूँ) रचना पोस्ट करते समय सामान्य नियमों का पालन करने में कहीं न कहीं चूक जाते हैं. निश्चित तौर पर हमें सावधान रहना चाहिए.

इसी संदर्भ में मैं आदरणीय शिज्जू शकूर जी के विचारों से सहमत हूँ. रचनाकार यदि थोड़ा संयत होकर अपनी किन्ही दो रचनाओं के पोस्ट करने के बीच अंतराल रखें तो उन्हें पढ़ने का आकर्षण भी बढ़ेगा, उनमें गल्तियाँ भी कम होंगी और अर्थपूर्ण विचारों के आदान-प्रदान का अवसर भी मिलेगा.

सादर

व्यवस्था हेतु एक शानदार मार्गदर्शन आदरणीय भाई साहब । एक रूपता के लिए यह जरुरी है ।

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