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खंडकाव्य : जय गणेशजय गणेश - सर्ग १ - उपसर्ग १ छंद : दोहा है ग्यारह आयाम से, निर्मित यह संसार सात मात्र अनुमान हैं, अभी ज्ञात हैं चार। तीन दिशा आयाम हैं,… Started by धर्मेन्द्र कुमार सिंह |
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Aug 2, 2011 Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह |
प्रभु की रेल.प्रभु की रेल. थक जाते हैं लोग जब, कष्ट हजारो झेल, कम बिगड़ते देख कर ,बुद्धि होती फेल. दुश्मन धक्का मारता,हँसे ठठाय ठठाय, हित भी मुखड़ा फेरत… Started by R N Tiwari |
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May 9, 2011 Reply by कमल वर्मा "गुरु जी" |
Abhay Deepraaj krit - Saraswatee vandanaa - 2अभय कान्त झा दीपराज कृत - सरस्वती वंदना - २ हे वीणावादिनी, हंसवाहिनी, हमें ज्ञान का वर दे | देवतुल्य मानवता से … Started by Abhay Kant Jha Deepraaj |
0 | Apr 26, 2011 |
Dharmik Sahityais manch par aaake kuch dharmik vicharon se parichit hui hoon..aagae aur padhne ki iccha hai.. Started by Devi Nangrani |
0 | Mar 1, 2011 |
भोला हैं अघरदानी सारा ये दुनिया माने मन में यही उतार ले ,भोला हैं अघरदानी सारा ये दुनिया माने मन में यही उतार ले , हर हर महादेव के नाम ले भाई हर हर महादेव के नाम ले , डमरू बजने वाला दुःख घटाने वाल… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Feb 24, 2011 |
"मेरे मन मधुबन में आओ"मेरे मन मधुबन में आओ-२- श्याम हम झूला झूलें रे प्रेम के हिंडोले पर मुझको बिठाकर श्याम प्रीत की पींगे बढ़ावो रे श्याम हम ...............… Started by vandana gupta |
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Jan 19, 2011 Reply by vandana gupta |
Abhay Kant Jha Deepraaj Krit - Hanumaan Ram ko sandeshaa do......................By Abhay Deepraajअभय कान्त झा दीपराज कृत- हनुमान , राम को संदेशा दो...... हनुमान, राम को जाकर ये संदेशा दो- प्रभु आ जायें… Started by Abhay Kant Jha Deepraaj |
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Jan 18, 2011 Reply by vandana gupta |
Abhay Kant Jha Deepraaj Krit - Prarthanaa .................................By Abhay Deepraajअभय कान्त झा दीपराज कृत - प्रार्थना मैं विवेक के गंगा जल से, सारे जग का मल धोऊँ |हे प्रभु मुझको शक्ति दे,… Started by Abhay Kant Jha Deepraaj |
0 | Jan 13, 2011 |
Abhay Kant Jha Deepraaj Krit - Chakradhar Stuti.....................by Abhay Deepraajअभय कान्त झा दीपराज कृत - चक्रधर स्तुतिराम बन कब ? आओगे, प्रभु कृष्ण बन कब ? आओगे |अपने भक्तों को भला प्रभु , कब तलक… Started by Abhay Kant Jha Deepraaj |
0 | Jan 12, 2011 |
Durgaa Stuti ...................................By Abhay Kant Jha Deepraajअभय कान्त झा दीपराज कृत - दुर्गा स्तुतिजय माँ दुर्गा, जय माँ शक्ति, जय माँ कंचन काया | आदि - अनादि, अनंत… Started by Abhay Kant Jha Deepraaj |
0 | Jan 8, 2011 |
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