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चंदा मेरी तलाश में निकला है रात को!
शायद वो मेरी चाह में भटका है रात को !!
होती है उम्र उतनी ही जितनी कि है लिखी!
जलता दिया भी देखिये बुझता है रात को!!
आँखों के डोरे कर रहे सब कुछ बयां यहाँ!
लगता है तेरा ख्वाब भी उलझा है रात को!!
दुनिया की भीड़ में मेरा दिन तो गुज़र गया!
हर शख्स ही लगा हमें तनहा है रात को!!
बदनामियों के डर से ही हम तो सिहर गए!
हर ख्वाब जैसे अपना …
ContinuePosted on July 15, 2019 at 10:00pm — 3 Comments
२१२२ ११२२ २२
खुशनुमा ख्वाब सजा कर देखो,
रात में चाँद बुला कर देखो.
नींद आँखों में कहाँ है यारो,
सारे ग़म अपने भुला कर देखो.
नफरतें कर रहे हो क्यूँ मुझ से,
हाथ में हाथ मिला कर देखो.
तिश्नगी लव पे क्यूँ तेरे छाई,
जाम हाथों से पिला कर देखो.
आज गर्दिश में है तेरी ‘आभा’,
उस के ग़म दूर भगा कर देखो
....आभा
अप्रकाशित एवं मौलिक
Posted on November 7, 2016 at 10:32pm — 4 Comments
दिए कुछ आस के ......
आँखों से झांक रहे
सपने विश्वास के
देहरी पर जल रहे
दिए कुछ आस के
नेह के भरोसे ही
कुछ रिश्ते जोड़े हैं
तुमने न जाने क्यूँ
अनुबंध सारे तोड़े हैं
मौन की पीडाएं ही
मुझको तो छलती हैं
पास तुम आते हो
दूरी तब ढलतीं हैं
सम्बन्ध ले आये हैं
रिश्ते कुछ पास के
देहरी पर जल रहे
दिए कुछ आस के |
नश्तर से चुभते हैं
धूप के सुनहरे…
ContinuePosted on November 1, 2016 at 4:00pm — 2 Comments
धनतेरस के पर्व पर, कर लें कार्य महान|
निर्धन को बर्तन करें, दान आप श्री मान||
दीवाली लाये सदा, खुशियाँ अपरम्पार|
खील बताशे कह रहे, हम आये हैं द्वार||
लक्ष्मी और गणेश की, पूजा करिए साथ|
सब पर ही किरपा करें, मेरे भोले नाथ||
होई करवा चौथ का, लगे अनोखा मेल|
पर्वों की अब देखिये छूटी जाती रेल||
इस दीवाली लग रही, फीकी सी सब ओर|
सीमा पर प्रहरी तकें, एक सुहानी भोर||
डाल दिये झूले सभी मन…
ContinuePosted on October 28, 2016 at 9:20am — 6 Comments
आदरणीया kanta roy जी नमस्कार,
आपका शुभकामना सन्देश पढ़ा बहुत अच्छा लगा आपका मैं ह्रदय से हार्दिक अभिनन्दन करती हूँ ...
आदरणीया
श्रीमती आभा सक्सेना जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
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ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...
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