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आशीष यादव
  • 35, Male
  • ghazipur, uttarpradesh
  • India
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आशीष यादव's Discussions

क्या भारत मेँ अन्तर्माध्यमिक तक हिन्दी एक अनिवार्य विषय नही होनी चाहिए
15 Replies

आज जहाँ सुनिये वहीँ भाषा का बिगड़ा स्वरूप सुनाई देता है। किस पुरुष का कर्ता है और कौन सी क्रिया लग गई पता ही नही। यह भी नही की यह युवा पीढ़ी ढंग से आंग्ल भाषा ही जानती हो। तो क्या हमारी और सरकार की यह…Continue

Started this discussion. Last reply by आशीष यादव Jul 28, 2012.

 

Welcome, आशीष यादव!

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Jan 14
आशीष यादव posted a blog post

जाने तुमको क्या क्या कहता

तेरी बात अगर छिड़ जातीजाने तुमको क्या क्या कहतासूरज चंदा तारे उपवनझील समंदर दरिया कहताकहता तेरे होंठ गुलाबीजैसे सूरज निकल रहा है कहता बदन तुम्हारा ऐसाजैसे सोना पिघल रहा है मै तुमको सम्मोहक कहतामै मनभावन रत्ना कहताकहता तेरा रूप बहारोंकी तरुणाई के…See More
Jan 9
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-149
"सुखों का छोड़कर सागर गमों की भूल कर दुनियां  तू मेरे साथ हो ली है खुशी हमने संजोली है यही तो अपनी होली है मेरा हर रंग तुझपे है तेरा हर रंग मुझपे है "तुम्हारे और मेरे" की जगह 'हम' ने समो ली है हमारी ऐसी होली है मेरी चाहत…"
Mar 12, 2023
Euphonic Amit and आशीष यादव are now friends
Jan 29, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री दिनेश साहब अभिवादन। सार्थक टिप्पणी और हौसला आफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री लक्ष्मण धामी सर अभिवादन। हौसला आफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री अमीरुद्दीन साहब अभिवादन। हौसला आफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपकी इस्लाह मेरे लिए बहुत मूल्यवान है।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री समर कबीर साहब अभिवादन। आपकी टिप्पणी बहुत मायने रखती है मेरे लिए। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री निलेश जी अभिवादन। हौसला आफजाई के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपका सुझाव उचित लगा। आदरणीय श्री अमित जी की बात से भी सहमत हूं।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"जी आपकी बात से सहमत हूं।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री अमित जी अभिवादन। सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपकी टिप्पणी बहुत मायने रखती है। आपका सुझाव सर आंखों पर।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री dandpani नाहक जी अभिवादन। हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री अमित कुमार जी अभिवादन। सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। तकाबुल ए रदीफ को सुधारने की कोशिश करूंगा।  सादर"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीया राखी जी अभिवादन। तरही मिसरे पर बढ़िया गज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री सालिक गणवीर जी अभिवादन। तरही मिसरे पर बढ़िया गज़ल। बधाई स्वीकार कीजिए ।"
Jan 28, 2023
आशीष यादव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"आदरणीय श्री अमीरुद्दीन जी अभिवादन। बहुत बढ़िया गज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिए।"
Jan 28, 2023

Profile Information

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Male
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GHAZIPUR, U.P.
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GHAZIPUR
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work in defence
About me
एक सीधा-सादा इन्सान जो जीवन एवँ मानव की सच्चाईयों को जानने मे लगा हुआ है।

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आशीष यादव's Blog

जाने तुमको क्या क्या कहता

तेरी बात अगर छिड़ जाती

जाने तुमको क्या क्या कहता

सूरज चंदा तारे उपवन

झील समंदर दरिया कहता

कहता तेरे होंठ गुलाबी

जैसे सूरज निकल रहा है 

कहता बदन तुम्हारा ऐसा

जैसे सोना पिघल रहा है 

मै तुमको सम्मोहक कहता

मै मनभावन रत्ना कहता

कहता तेरा रूप बहारों

की तरुणाई के जैसा है

और बदन, कहता संगमरमर

सी चिकनाई के जैसा है

तुमको पूनम की रातों का

जगमग जगमग चंदा कहता

तेरे…

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Posted on January 7, 2025 at 8:30pm — 1 Comment

गज़ल : पत्थरों पर चल रहा हूं

2122 2122

पत्थरों पर चल रहा हूँ

रास्तों को छल रहा हूँ 1

लग रहा हूँ आज मीठा

सब्र का मैं फल रहा हूँ 2

कर दिया उनको पवित्तर 

यार गंगा जल रहा हूँ 3 

अब नहीं ख्वाहिश किसी की

हाँ कभी बेकल रहा हूँ 4

आज इतनी गाड़ियाँ है

मैं कभी पैदल रहा हूँ 5

याद आऊँ, मुस्कुरा दो 

वह तुम्हारा कल रहा हूँ 6

मैं डुबोया हूँ खुद ही को

स्वयं का दलदल रहा हूँ…

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Posted on January 19, 2023 at 11:56pm — 1 Comment

ऋतु शीत रवानी में अपने

ऋतु शीत रवानी में अपने

ऊर्ध्वगी जवानी में अपने  

चहुँओर सर्द को बढ़ा रही

जीवन वह्निः तक बुला रही

थी जगह जगह जल रही आग

प्रमुदित होकर जन रहे ताप 

कौड़े में जैसे उठी ज्वाल

मन मोह लिया इक अधर लाल 

रति जैसी जिसकी छाया थी

वह थी समक्ष या माया थी

पहने थे वसन तरीके से 

सब सज्जित स्वच्छ सलीके से 

कुंतल को उसने झटक दिया 

मनसिज प्रसून पर पटक दिया

कितने उद्गार उठे मन में 

ताड़ित से कौंध रहे तन…

Continue

Posted on January 19, 2023 at 11:10am

तस्वीर: एक मोहक चित्र

2122 2122 2122 2122

क्या पता उस लोक में दिखती हैं कैसी अप्सराएँ

किस तरह चलतीं मचल कर किस तरह से भाव खाएँ

कौन सा जादू लिए फिरतीं सभी पर मार देतीं

किस तरह पुचकारती हैं किस तरह से प्यार देतीं 

क्या महावर और मेहँदी आँख में काजल अनोखा

केशिनी मृगचक्षुणी हैं सत्य, या उपमान धोखा 

किस तरह श्रृंगार रचती किस तरह गेशू सजाएँ

क्या पता कितनी सही है आमजन की कल्पनाएँ

आज देखी थी परी जो हाल कुछ उसका सुनाऊँ

देखता ही रह गया…

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Posted on January 19, 2023 at 6:32am — 1 Comment

Comment Wall (45 comments)

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At 11:15pm on August 6, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…

प्रिय आशीष जी.....मेरी कविता को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार.....

At 12:51am on July 13, 2012, Sachchidanand Pandey said…
 शुक्रिया आशीष जी
At 11:26pm on July 2, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…

आशीष जी, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार.......

At 10:46am on June 25, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…
आशीष जी, मेरी रचना को पसंद करने के लिए आपका आभार।
At 10:03am on June 6, 2012, अरुण कान्त शुक्ला said…

आशीष जी मित्र बनने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद |

At 10:34am on June 1, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

आशीष जी आपकी शुभकमानयों और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

At 9:33pm on May 26, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

आशीष जी आपकी दाद के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ! अच्छा लिखते हो ! ऐसे ही लिखते रहो और सबका मनोरंजन करते रहो !!

At 8:21pm on May 19, 2012, MAHIMA SHREE said…

swagat hai

At 3:44pm on May 4, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

Dhanyavaad Ashish Bhai.

At 7:43pm on April 12, 2012, Sarita Sinha said…

thanx ashish ji for liking my post...

 
 
 

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Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
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Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
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Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सत्तरवाँ आयोजन है।.…See More
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Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
Sunday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
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