धूल में खेले हुए, कितने ज़माने हो गए।
ये पता ही ना चला, कब हम सयाने हो गए।।
अब मुहल्ले में नई, दास्तान हैं बनने लगीं।
इश्क़ के किस्से सभी मेरे, पुराने हो गए।।
शब्द कुछ यूँ ही पिरोकर, इक बहर में रख लिए।
आपके होंठों से…
ContinuePosted on May 10, 2023 at 10:19pm — 5 Comments
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122 2122
धमनियों में दौड़ता यूँ तो सदा है ।।
रक्त है जो देश हित में खोलता है ।।
हौसला उस वीर का देखो ज़रा तुम ।
गोलियों की धार में सीना तना है ।।…
ContinuePosted on January 25, 2020 at 5:33pm — 3 Comments
वाह ख़ुदा ! क्या तेरी कुदरत है,
कहीं है चैन-ओ-सुकून,तो कहीं मुसीबत है,
वाह ख़ुदा ! क्या तेरी कुदरत है ।
क्या था ख्याल तेरा,
बनाया किसी को गूंगा,किसी को बहरा,
बनाया तूने किसी को सबल-सुअंग,…
ContinuePosted on October 28, 2019 at 12:00pm — 2 Comments
दीपावली का दिन लगभग 3:00 बजे शाम के पूजन की तैयारियां चल रही थी । माँ किचन में खीर बना रही थी,तो हमारी धर्मपत्नी जी आंगन में रंगोली डाल रही थी । मैं हॉल में बैठा हुआ व्हाट्सएप पर लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं भेज रहा था और मेरे पिताजी,मेरे पुत्र(भैय्यू),जिसने पिछले महीने अपना तीसरा जन्म दिन मनाया था,के साथ मस्ती करने में व्यस्त थे। इस मौसम में आमतौर पर मच्छर बहुत होते हैं,इसलिए पिताजी यह भी ख़याल रख रहे थे कि भैय्यू को मच्छर न कांटें और इसके लिए उन्हें काफ़ी मसक्कत भी करनी पड़ रही थी । तभी मेरा…
ContinuePosted on October 27, 2019 at 10:23pm — 5 Comments
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