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Shashi Mehra
  • Male
  • Ferozepur
  • India
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Profile Information

Gender
Male
City State
Firozepur
Native Place
Amritsar
Profession
Retd A.O. from Defence A/C Deptt, On 1-11-20011
About me
I am writing poetry since I was hardly of 17. Iwas inspired by the lyric writers for Films, who use to add emotions as per situations. I also wrote in my life under the titleShor-E-Dil, Now I m writing WALWALE.

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Shashi Mehra's Blog

प्यार होना चाहिए ...

दिलनशीं और पुरमहक, किरदार होना चाहिए |

प्यार है दिल में अगर, तो प्यार होना चहिये ||

अहद कर लो, ना बुराई हम करेंगे, उम्र भर |

चाहो गिर्द अपने अगर, गुलज़ार होना चाहिए ||

छोड़ के खुदगार्जियाँ, खल्क-ए-खुदा की सोचिये |

मुफलिस-ओ-लाचार का, गमख्वार होना चाहिए ||

राह की दुश्वारियाँ, सब दूर करने के लिए |

हमसफ़र, हमराह, रब्ब सा, यार होना चाहिए ||

जानते हो मायने, गर लफ्ज़े-उल्फत के ‘शशि’ |

तब मोहम्मद मुस्तफ़ा से, प्यार…

Continue

Posted on February 25, 2013 at 2:00pm — 7 Comments

दुआ

जिसके हक़ में, मैं सदा, दिल से दुआ करता रहा |

वो हमेशा, मुझपे जाने, क्यूँ शुबहा करता रहा ||

दोस्त था कहने को मेरा, दोस्ती न कर सका |

दोस्ती के नाम पर ही वो, दगा करता रहा ||

हमकदम था चल रहा, पर हमनफस न बन सका |

मैं भला करता रहा, और वो बुरा करता रहा…

Continue

Posted on February 25, 2013 at 2:00pm — 8 Comments

शोर

जिसने खुद को ही, ज़माने से छुपा रखा है |

जाने किस शख्स ने नाम उसका, खुदा रखा है ||

सब बहाने से उसे, याद किया करते हैं |

दिल में दुनियाँ के, अजाब खौफ बिठा रखा है ||

हाथ तकदीर बनाने के ही, काम आते हैं |

क्या हथेली की लकीरों में, भला रखा है ||…

Continue

Posted on February 23, 2013 at 2:02pm — 7 Comments

वलवले

शोर कैसा भी हो, मेरे दिल को, अब भाता नहीं |

चहचहाना भी परिंदों का, सुना जाता नहीं ||

दावा करते थे, मेरा होने का,पहले जो कभी | 

नाम मेंरा उनके लब पर, आज-कल आता नहीं ||

हूँ चमन में,आज भी, पर दिल में, जंगल आ बसा |

अब तो आफत क्या, क्यामत से भी, घबराता नहीं ||

आँख करके बंद, चलने में हूँ, माहिर हो गया |

स्याह रातों में भी, दीवारों से, टकराता नहीं ||

क्यूँ 'शशि तू ज़िन्दगी…
Continue

Posted on October 5, 2012 at 7:22pm — 1 Comment

Comment Wall (8 comments)

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At 9:37pm on August 27, 2011, Azeez Belgaumi said…

thank you so much

At 2:32pm on August 18, 2011, Rash Bihari Ravi said…

janamdin mubarak ho

 

At 12:04am on August 18, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 9:40am on August 9, 2011, Abhinav Arun said…

आदरणीय श्री शशि जी आपके प्रेरणा भरे शब्दों ke लिए आभारी हूँ ! स्नेह बना रहे !!

At 10:26am on July 16, 2011, Admin said…

//जिन्हें, लोग कहते, किसान हैं //

शशि जी यह रचना गलत जगह पोस्ट हो गई है, दिए गए लिंक पर बने बॉक्स में पोस्ट करें .......(चित्र के ठीक नीचे बने बॉक्स में)

http://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/5170231:Topic:105164

At 10:35am on July 15, 2011, Admin said…

आदरणीय शशि जी, ओ बी ओ पर केवल अप्रकाशित रचना ही पोस्ट की जा सकती है आपकी रचना 

खौफ अब, हर ख़ुशी से आता है |
मेरा माझी, मुझे डराता है ||
पूर्व प्रकाशित है |
अधिक जानकारी के लिए ओ बी ओ नियमावली देखने हेतु यहाँ क्लिक करे |
At 2:11pm on July 6, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 11:58am on July 6, 2011, Admin said…
 
 
 

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