दीवारों में
दिये के आले
दीपक का स्वागत करते हैं
रश्मि राग में
मगन हुई
ज्योति
पताका लहराती है
तमस वज्र को तोड़
आलय को रोशनी से भर देते हैं
और
दिये के आले
बदले में
दिये से
काजल के झाले
खुद अन्तस में
धर लेते हैं
@आनन्द 18/04/2015 "मौलिक व अप्रकाशित"
Posted on April 18, 2015 at 1:28pm — 5 Comments
रुख़सती पे उनकी आँखों में नमी अच्छी लगी
ज्यूं दूर बादलों को धरा की गमी अच्छी लगी
तबस्सुम देख के मचली लबों पे एक दूसरे के
पाक इरादों में छिपी उनकी कमी अच्छी लगी
असीम…
ContinuePosted on March 15, 2015 at 11:30am — 8 Comments
मधुशाले भी बोल रहे.... होली आई होली आई
भंग घुटेगी रस गन्ने में होली आई होली आई
है सरकारी फ़रमान ....
प्यारे बन्द रहेगी दुकान
साकी अकेली प्याले अकेले
हथ जोड़ करें आह्वान
आजा ..आ जाओ श्रीमान
बोतल... अद्दी पउआ ले जा
रम भिस्की ए दउआ ले जा
भर लो... सारो मकान
ओ बन्द रहेगी दुकान
मयखाने भी बोल रहे होली आई होली आई
रंग घुलेंगे दंग रहेंगे होली आई होली आई
इक दिन पहले प्यारे ले जा
ज़ाम जहां के न्यारे ले जा
बम भोले का प्रसाद…
Posted on March 5, 2015 at 10:08pm — 3 Comments
दिल से दिल के तार जुड़े संतूर जहाँ में बजते हैं
छंद पहेली गीत ग़ज़ल जब दूर जहाँ में सजते हैं
रुनझुन-रुनझुन घुंघरू आहट का संदेशा लाती है
ताल मिलाती धड़कन से मगरूर जहाँ में लगते है
अंतस मन मेल हुआ दिलबाग रूमानी गुलशन है
रुखसार गुलाबी होंठ शबाबी नूर जहाँ में लगते हैं
हया लबों पे खेल रही है नज़र नज़ाकत शानी है
कोयल किस्से कहती है मशहूर जहाँ में लगते हैं
नैन नख्श नखरों पे है नायाब नवेली नज्म अदा
फिदा फ़साने पर आनंद वो चूर जहाँ में लगते…
ContinuePosted on February 14, 2015 at 2:59pm — 8 Comments
आनंद जी ..आपसे मित्रता का अहसास सुखद है मुझे भी खुसी है की मेरा एक और मित्र बढ़ गया ..आपके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ सादर
आनंद जी
आपको मित्र के रूप में पाकर हर्षित हूँ i आप साहित्य के शिखर तक पहुंचे i यह मित्र की कामना है i
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