महाराणा प्रताप
चितौड़ भूमि के हर कण में बसता
जन जन की जो वाणी थी
वीर अनोखा महाराणा था
शूरवीरता जिसकी निशानी थी
चित्तौड़ भूमि के हर कण में बसता, जन-जन की जो वाणी थी।।
स्वाभिमान खोए सब राणा जी
किरण चिंता की माथे पर दिखाई दी
महाराणा का जन्म हुआ तो
महल में खुशियाँ छाई थी
चित्तौड़ भूमि के हर कण में बसता, जन-जन की जो वाणी थी।।
बप्पा रावल का शोनित रग-रग में बहता
न सोच सुख-दुःख, क्लेश…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 30, 2023 at 11:30am — No Comments
डर से जिनके थर्र-थर्र कांपे
जो मुगलों की नींव हिला बैठे
हमला करेंगे कब-कहाँ शिवाजी, नींद, उनकी उड़ा बैठे|
जीजा-शाहजी के पुत्र प्यारे
माँ शिवाई के उपासक थे
माता के नाम से शमशीर पास में, नाम उन्हीं से पाये थे|
हृदय सम्राट कहते थे उनको
काम जनता भलाई के करते थे
अष्ट प्रधान दरबार विराजे, जो मंत्रीपरिषद के सदस्य थे|
नारी का सम्मान हमेशा
नारी हिंसा-उत्पीड़न के…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 27, 2023 at 2:30pm — No Comments
गुरु प्रथा को आज यहाँ
मैं काव्य रूप में कहता हूँ
क्षमा माँगता कर जोड़कर
जो कुछ गलत कह जाता हूँ||
शीश झुकाऊँ गुरु चरण में
आज यहाँ गुरु की महिमा कहता हूँ
अंतरात्मा पवित्र है मेरी
जिसे गंगा सी पवित्र बतलाता हूँ||
हिंदू-इस्लाम से अलग धर्म एक
जिसे सिख धर्म बतलाता हूँ
पहले गुरु थे नानकदेव जी
धर्मग्रंथ ‘गुरुग्रंथ शाहिब’ मैं कहता हूँ||
तलवंडी में जन्म जो पाये
आज ननकाना उसे कहता…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 27, 2023 at 12:00pm — No Comments
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