For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव's Blog – March 2015 Archive (10)

चांदनी रात है //// हिन्दी गजल (एक प्रयास)

   (212 212)

मुतदारिक मुरब्बा सालिम

चांदनी रात है

वाह क्या बात है I

रात का तम गया

अब धवल प्रात है I

मौन वंशी लिए

वह खड़ा तात है I

पुष्प के बाण से

काम का घात है I

राग-अनुराग की

दिव्य बरसात है I

कामना है मधुर

भाव अवदात है I

नन्द का लाडला

नेह  निष्णात  है I

आपगा तीर पर

राधिका स्नात है I

नेह…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 30, 2015 at 1:37pm — 29 Comments

इतनी सी बात ( व्यंग्य कथा ) - डा0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव

भगवान किसी को लडकी न दे I लडकी दे तो उसे जवान न करे I जवान करे तो उसे खूबसूरत न बनाये I  एक अदद जवान, खूबसूरत और कुमारी कन्या का खुशनसीब बाप होने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ I पहले मैं समझता था की स्वस्थ और सुन्दर लडकी का पिता होना एक गौरव की बात है I इससे न केवल उसका विवाह करने में आसानी होगी बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उसे नर्तकी या अभिनेत्री भी बनाया जा सकता है और यदि उसमे कामयाबी न मिली  तो किसी प्राईवेट फर्म में रिसेप्शनिस्ट का चांस तो पक्का ही है  I लेकिन मेरे इन सभी सपनो पर उस समय…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 26, 2015 at 7:00pm — 18 Comments

सुखदा सदा सरस्वती (वृत्यानुप्रास /छेकानुप्रास)

(यहाँ प्रति दोहे में वृत्यानुप्रास है किन्तु सम्पुर्ण रचना में छेकानुप्रास है  अंतर यह है की वृत्यानुप्रास में एक ही वर्ण की पुनरावृत्ति होती है जबकि छेका में अनेक वर्णों  की )

 

गा-गाकर गौरव गिरा गरिमामय गन्धर्व

गीर्वाण गुरु, गीतिमय , गान-ज्ञान गुण गर्व I

 भक्त भगवती भारती भूरि भावमय भव्य

भावशवलता, भ्रान्तिता भ्रमित भनिति भवितव्य I 

 

वीणापाणि वरानना  वरे विदुष विद्वान

वाणी-वाणी वत्सला  वर्ण-वर्ण वरदान I

 

शुभ्र…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 24, 2015 at 11:00am — 31 Comments

मालोपमा (उपमा अलंकार का एक भेद )

पुरवा बयार सी

मद भरे ज्वार सी   

फूलो में जवा सी

स्पर्श में हवा सी

महुआ की गंध सी

पाटल सुगंध सी

आमों की बौर सी

करौंदे की झौर सी

नीम की महक सी

पलाश की दहक सी

टूटे मोर पंख सी

पूजागृह के शंख सी

मंदिर के दीप सी

मोती भरी सीप सी

जल भरे डोल सी

विद्युत् कपोल सी

लहराते व्याल सी

दृप्त इंद्रजाल सी

पावस की धार सी

राधा के प्यार सी

पतझड़ के अंत सी

सौरभ बसंत…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 19, 2015 at 6:30pm — 25 Comments

अमीर खुसरो की काव्य रचना का हिन्दी-कविता मे भावानुवाद

        अमीर खुसरो की रचना

 

जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन तगाफुल, दुराय नैना बनाय बतियाँ।

कि ताबे हिज्राँ, न दारम ऐ जाँ, न लेहु काहे लगाय छतियाँ।।

शबाने हिज्राँ दराज चूँ जुल्फ बरोजे वसलत चूँ उम्र कोताह।

सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ।

यकायक अज़दिल दू चश्मे जादू बसद फरेबम बवुर्द तस्कीं।

किसे पड़ी…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 17, 2015 at 4:00pm — 23 Comments

गजल ...सोया जिन्न

  222    222    2

बातो  के लच्छे लाये

यारो दिन अच्छे लाये

 

भारत को फिर से तुमने

दिन में नक्षत्र दिखाये  

 

संसार पसारे  आँचल

तुमने बहु नाच नचाये

 

पहले नजरे की ऊंची

अब फिरते आँख चुराये 

 

हम अपना दर्द सुनाते

तुम अपनी जाते गाये

 

दूरागत ढोल सुहाने

जब जाना तब पछताये

 

थे रंक, बनाया राजा

तुम हम पर ही गुर्राये

 

ईश्वर देखेगा तुमको

हम नत…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 15, 2015 at 9:00pm — 12 Comments

हनोज दिल्ली दुरअस्त ( इतिहास-कथा ) - डा0 गोपाल नारायन श्रीवास्तव

‘सुना है औलिया से आपका बड़ा याराना है ?’

        विजय के उन्माद में झूमते हुए सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने अमीर खुसरो से कहा I बादशाह की फ़ौज युद्ध में विजयी होकर दिल्ली की ओर वापस हो रही थी I सुल्तान तुगलक एक लखनौती हाथी पर सवार था I अमीर् खुसरो बादशाह के बगलगीर होकर दूसरे हाथी पर चल रहे थे I

‘तौबा हुजुर ---‘ खुसरो ने चौंक कर कहा “आप भी लोगो के बहकावे में आ गए सुल्तान I वह मेरे पीर-ओ-मुर्शिद हैं I मै उनका अदना सा शागिर्द हूँ I ’

‘तो क्या सचमुच तुम दोनों में बस यही सम्बन्ध…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 11, 2015 at 6:30pm — 21 Comments

शिकार (विश्व महिला -दिवस पर विशेष)

कैसा यह ---

जिसे विश्व कहता है

बलात्कारो का देश

जिसकी राजधानी को

रेप सिटी कहते हैं

जिस देश में आंकड़े बताते है

हर बीस मिनट पर

होता है एक रेप

जहां के सांसद और विधायक

अभियुक्त है

अनेक हत्या और बलात्कार के

जिन पर होती नहीं कोई कार्यवाही

जहां बलात्कार के बाद होती है हत्या

जहाँ तंदूर में जलाई जाती है नारी

जहाँ रेप के बाद निकली जाती है आँखे

जहाँ निर्भया की चीखती है अतडियाँ

जहा प्रतिबन्धित…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 8, 2015 at 6:30pm — 26 Comments

तैयारी

रख दिए उसने

छोटी सी अटैची में   

कुछ कपडे सहेज के

जो जरूरी हैं सफ़र के लिए

क्योंकि वह पत्नी है जानती है

मेरी आवश्यकताये  

 

मै जानता हूँ

उसमे क्या होगा

एक जोड़ी कपडे, कच्छा-बनयाईन

परफ्यूम की शीशी, शेव का सामान

एक टूथ-ब्रश, जीभी और पेस्ट

छोटा सा कंघा, फकत एक शीशा

लंच का पैकेट भी  

 

है कुछ मेरी

अपनी भी तैयारियां 

पसंद का रूमाल सादा और…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 7, 2015 at 8:30pm — 14 Comments

सिफारिश

         पुलिस को पीछे आते देखकर डाकू रुक गये I इंस्पेक्टर ने ध्वनि  विस्तारक यंत्र का प्रयोग कर कहा – ‘पुलिस ने कोई घेरा नहीं डाला है सरदार से कहो बात करे I’

’अरे हम है धन्ना सिंह I आवा हो इंस्पेक्टर तोहार हिस्सा तैयार बा, ल्या और ऐश करा I’- सरदार ने आगे आकर इंस्पेक्टर को एक पैकेट दिया I दोनों ने मुस्कराकर हाथ मिलाया I जाते-जाते सरदार ने एक कान्स्टेबिल के पैरो में गोली मार दी I कान्स्टेबिल गिर पड़ा I डाकू चले गए I कुछ देर बाद उस राह से दो राहगीर गुजरे I इंस्पेक्टर ने उन्हें गोली मार…

Continue

Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 2, 2015 at 2:30pm — 21 Comments

Monthly Archives

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service