हो गई होली
जलाई चन्द लकड़ियाँ, तो हो गई होली
खाई गुजिया पपड़ियाँ, तो हो गई होली
हुए हुड्दंगों मै शुमार, तो हो गई होली
निकाले दिल के गुबार, तो हो गई होली
पी दो घूँट शुरा, तो हो गई होली
निकाले चाकू छुरा, तो हो गई होली
छानी ठंडाई भांग, तो हो गई होली
खींची अपनों की टांग, तो हो गई होली
छेड़ी वेसुरी तान ,तो हो गई होली
किया नाली मै स्नान, तो हो गई होली
देखे रंगीन माल, तो हो गई…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 18, 2013 at 10:46am — 2 Comments
नापाक, पाक
हे निर्लज्ज निकर्ष्ठ पडोसी
तुझे कोटि कोटि धिक्कार है
पीठ पर बार करते हो
यही तुम्हारी हार है
हम सदभावी शांतिदूत
तुम हमें कमजोर आंकते हो
कायर बन चोर की मानद…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 16, 2013 at 1:30pm — No Comments
दास्ताने होली (होली के पावन पर्व पर जनहित में जारी)
होली के हुरियारों ने, मुझे पिला दी भंग
अंग अंग में छा गई, भंग की तरंग
गिरते पड़ते जैसे तैसे, वापिस घर मै आया
बाहर खड़े खजहे कुत्ते को, खूब गले लगाया
वो मुझे चाट रहा था, मै उसको चूम रहा था
मदहोश था यारो, मेरा सर घूम रहा था
रंगरंगीली छैलछबीली, वहाँ एक नार खड़ी थी
वो मुझे देखकर मुस्काई, मेरी उससे आँख लड़ी थी
उसकी कातिल मुस्कान ने, मेरे अरमानो को हवा दी
रोमांटिक हुआ…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 11, 2013 at 11:00am — 4 Comments
कवि का प्यार
जब एक कवि को हुआ, कवियत्री से प्यार
दिलो जान से उस पर हुआ निसार
कवि का एकतरफा दिल, गया मचल
हास्य छोड़कर, वो लिखने लगा गजल
गजल लिखकर कवियत्री को पोस्ट करने लगा
जिस कवि सम्मेलन मै कवियत्री हो, उसे होस्ट करने लगा
कवि सम्मेलन मै कवियत्री आये
इस चक्कर मै उसने अनेक कवि सम्मेलन अपनी जेब से करवाये
कवि उस पर बुरी तरह मरने लगा
उसकी कविता पर कुछ ज्यादा ही बाह बाह करने लगा
उनका सानिध्य पाने की हर कोशिश…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 6, 2013 at 11:55am — 11 Comments
बजट 2013
लो आ ही गया नवीन बजट
कुछ खिले चेहरे, कुछ गए लटक
शक्कर महंगी, पत्ती सस्ती
बजट हुआ चुनावी कश्ती
गाड़ी लेना है आसान
बढ़ा दिए पेट्रोल के दाम
मँहगा हुआ रेल सफ़र
महगाई से झुकी कमर
चढ़ा सीमेंट उतरा लोहा
मँहगा हो गया कोकोकोला
शून्य व्याज पर मिलेगा लौन
सबके हाथ मै होगा फोन
सस्ती गैस महँगा राशन
बचा रहे अपना…
ContinueAdded by Dr.Ajay Khare on March 1, 2013 at 3:30pm — 4 Comments
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