2122 2122 1222
क्या शिकायत करू मैं इस जमानें से
फायदा क्या है किसी को बतानें से
अब मजारो की तरफ यूँ न देखो तुम
आ सकेगें हम न आँसू बहानें से
बदनसीबी साथ मेरे उम्र भर थी
सो रहा हूँ चोट खा कर जमानें से
यार मेरे तुम बहाओ न अश्को को
फायदा क्या अब यहाँ दिल जलानें से
रूठ कर हम से चले ही गये वो जब
साथ ना अब तो मिले कुछ बतानें से
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी गहमर…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on April 16, 2014 at 6:00pm — 16 Comments
Added by Akhand Gahmari on April 15, 2014 at 12:30pm — 10 Comments
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
बीत गये हमारे पल इंतजार के
बंध गये थे हम धागो में प्यार के
जिन्दगी में चाहत के फूल खिल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
हर चाहतो को मेरी जानने लगे
आँखो की भाषा को पहचाने लगे
जीवन के रंग ढ़ग सभी बदल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
इक दिन जाने कैसा आया जलजला
टूट गया उसके आने का…
Added by Akhand Gahmari on April 9, 2014 at 5:30pm — 10 Comments
Added by Akhand Gahmari on April 4, 2014 at 7:13pm — 6 Comments
बात भी दिल की तुझे हम अब बतायें कैसे
साथ जो हमने बिताये पल भुलायें कैसे
बंद रखना तू न ओठों को बता दे इतना
बात जो दिल पर लिखी तुमने मिटायें कैसे
मौत भी करती रही है वेवफाई मुझसे
पास हम अपने बुलायें तो बुलायें कैसे
आपकी तो चाहतो में खुद जले थे ऐसे
लाश भी कोई हमारी अब जलायें कैसे
खोल कर अपने लबों को तू बता दे यारा
दाग दामन पर लगे हैं वो धुलायें कैसे
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Added by Akhand Gahmari on April 3, 2014 at 5:17pm — 12 Comments
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