For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Shalini kaushik's Blog – April 2013 Archive (3)

हमको नवाज़ी ख़ुदा ने मकसूम शख्सियत ,

 

  Thai Massage

फरमाबरदार बनूँ औलाद या शौहर वफादार ,

औरत की नज़र में हर मर्द है बेकार .



करता अदा हर फ़र्ज़ हूँ मक़बूलियत  के साथ ,

माँ की करूँ सेवा टहल ,बेगम को दे पगार .

 

मनसबी रखी रहे बाहर मेरे घर से ,

चौखट पे कदम रखते ही इनकी करो मनुहार .

 

फैयाज़ी मेरे खून में ,फरहत है फैमिली ,

फरमाइशें पूरी करूँ ,ये फिर भी हैं बेजार .



हमको नवाज़ी ख़ुदा ने मकसूम शख्सियत…

Continue

Added by shalini kaushik on April 17, 2013 at 1:36am — 6 Comments

कौन मजबूत? कौन कमजोर ?

इम्तिहान

एक दौर

चलता है जीवन भर !

सफलता

पाता है कोई

कभी थम जाये सफ़र !

कमजोर

का साथ

देना सीखा,

ज़रुरत

मदद की

उसे ही रहती .

सदा साथ

नर का

देती रही ,

साया बन

संग उसके

खड़ी है रही ,

परीक्षा की घडी

आये पुरुष की

नारी बन सहायक

सफलता दिलाती…

Continue

Added by shalini kaushik on April 14, 2013 at 8:30pm — 17 Comments

झुलसाई ज़िन्दगी ही तेजाब फैंककर ,

 

 Pakistani Shiite Muslim women. Credit: Getty Images

 

झुलसाई ज़िन्दगी ही तेजाब फैंककर ,

दिखलाई हिम्मतें ही तेजाब फैंककर .

अरमान जब हवस के पूरे न हो सके ,

तडपाई  दिल्लगी से तेजाब फैंककर .

ज़ागीर है ये मेरी, मेरा ही दिल जलाये ,

ठुकराई मिल्कियत से तेजाब फैंककर .

मेरी नहीं बनेगी फिर क्यूं बने किसी की,

सिखलाई बेवफाई तेजाब फैंककर .

चेहरा है चाँद तेरा ले दाग भी उसी से ,

दिलवाई निकाई ही तेजाब…

Continue

Added by shalini kaushik on April 3, 2013 at 4:15pm — 9 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

ajay sharma shared a profile on Facebook
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service