For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajesh kumari's Blog – May 2018 Archive (3)

लाएँगी खुशियाँ तभी जीवन में उल्लास (गीत )

दोहे की टेक ले कर उल्लाला छंद पर गीत (उल्लास )



जब तक जीवन में रहे , जीवित हास प्रहास । 

लायेंगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास । 



तम करता जब नृत्य है , उगता तब आदित्य है । 

पूर्वजों का कथ्य है , लेकिन बिल्कुल सत्य है । 

तन में श्रम की शक्ति हो , मन में हो विश्वास । 

लाएँगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास । 





अहम वहम को छोड़ दे , ईर्ष्या का रुख मोड़ दे । 

नफ़रत को झ्न्झोड़ दे , दिल से दिल को जोड़ दे । 

आयेगा चल कर तभी , तेरे पास उजास…

Continue

Added by rajesh kumari on May 22, 2018 at 5:40pm — 4 Comments

शज़र जब सूख जाता है कोई पत्ता नहीं रहता (तरही ग़ज़ल 'राज')

1222  1222  1222  1222

 मुख़ालिफ़ होअगर मौसम तो कुछ अच्छा नहीं रहता 

बदलते वक्त में कोई कभी अपना नहीं रहता 





कोई इंसान रिश्तों के बिना जिंदा नहीं रहता 

मुहब्बत के बिना पक्का कोई रिश्ता नहीं रहता





बुजुर्गों को दुखी करने से पहले सोच ये लेना 

शज़र जब सूख जाता है कोई पत्ता नहीं रहता 





जहाँ पर मुफलिसी बच्चों से बचपन छीन लेती है 

किसी बच्चे के दिल में भी वहाँ बच्चा नहीं रहता 





ज़रूरत ज़िस्म की जिनको मशीनों सा बना…

Continue

Added by rajesh kumari on May 19, 2018 at 10:46pm — 15 Comments

मेरी ज़मीन मेरा आसमाँ बदल डालो (ग़ज़ल 'राज')

१२१२  ११२२  १२१२  २२

तुम अपने दस्त-ए-हुनर से समां बदल डालो 

अगर पसंद नहीं है जहाँ बदल डालो 



गुबार दिल में दबाने से फ़ायदा क्या है 

सुकून गर  न मिले आशियाँ बदल डालो



उदास गुल हैं जहाँ तितलियों नहीं जाती 

तुम अपने प्यार से वो गुलसितां बदल डालो



जहाँ तलक न पहुँचती ज़िया न बादे सबा 

तो फ़िर ये काम करो वो मकां बदल डालो



भरोसा है तुम्हें तीर-ए-नज़र पे तो जानाँ  

अगर कमाँ है मुख़ालिफ़ कमाँ बदल डालो 



अभी अभी तो हुआ है…

Continue

Added by rajesh kumari on May 10, 2018 at 6:28pm — 20 Comments

Monthly Archives

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service