1222 1222 1222 1222
कहाँ से अजनबी दिल के हमारे पास आते है/
हमारे दिल में बस कर वो हमारा दिल चुराते है
हमारी जिन्दगी भी तो अमानत होे गई जिनकी
वही अब जिन्दगी में आग जाने क्यों लगाते है
जहर खाना नहीं जीवन बड़ा अनमोल सुन लो तुम
न खाये हम जहर तो क्या करें वो दिल जलाते है
हमारे सपनो को अपना कभी वो समझते लेकिन
न जाने क्यों…
Added by Akhand Gahmari on May 31, 2014 at 10:00pm — 7 Comments
गीत
मेरे ख्वाबो में बस जा तू तेरे हम साथ चल देगे
तेरा सूना पड़ा जीवन प्यार मे हम तो बदल देगे
तेरे तो साथ चलने को मेरा यह दिल तड़पता है
वि़ऱह की अाग जो जलती रही उसमें ये सुलगता है
कभी तुम पास आ देखो तुम्हे़ हम प्यारा कल देगे
मेरे ख्वा़बो में बस जा तू तेरे हम साथ चल देगे
खुली आँखो से देखे थे कभी हम सपनो जो तेरे
सनम तू आके बन जाना हकीकत सपनो के मेरे
तुझे छुअेगे कभी काँटे हम काँटो को मसल देगे
मेरे ख्वाबो में बस जा तू तेरे हम…
Added by Akhand Gahmari on May 28, 2014 at 10:36am — 12 Comments
2122 1222 1212 211
जिन्दगी भर जिसे हमने इश्क सिखाया था
बेवफा हम नहीं हमने उसे बताया था
दिल दुखाया नहीं हमने कभी न माने वो
आग में जल पड़े दुश्मन गले लगाया था
बात भी प्यार से वाे अब कभी नही करते
चाँदनी रात में जिसने कभी बुलाया था
हम मनाते रहे कसमे जिसे सभी देकर
मौत की नीद भी हमको वही सुलाया था
जल रहा…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on May 27, 2014 at 9:30pm — 6 Comments
2122 1221 2212
चोट खाते रहे मुस्कुराते रहे
प्यार के फूल हम तो खिलाते रहे
अब भरोसा नहीं जिन्दगी का हमे
दर्द सह कर उसे हम मनाते रहे
जिन्दगी प्यार उनको सिखाती रही
और वो जिन्दगी को भुलाते रहे
साथ वो चल दिये है किसी गैर के
प्रीत की रीत हम तो निभाते रहे
आज की रात हम मर न जाये कही
पास अपने उसे हम बुलाते रहे
बात जब है चली बेवफाई की तो
बेवफा कह हमे वह बुलाते रहे
बात उनकी करे ना करे हम मगर
याद मे उन की आँसू बहाते…
Added by Akhand Gahmari on May 18, 2014 at 9:22am — 20 Comments
गजल अश्क
212 212 212 212
गीत उसके लिखे गुनगुनाता रहा
हाल दिल का सभी को बताता रहा
ये उदासी भरी जिन्दगी क्योंं मिली
सोच कर अश्क मैं तो बहाता रहा
हम को उसके शहर में मिली मौत थी
लाश अपने शहर में जलाता रहा
चाँद में दाग है चाँदनी में नही
बात दिल को यही मैं बताता रहा
प्यार से चल सके ना कदम दो कदम
जाम पी पी तुझे तब भुलाता रहा
मौलिक एवं अप्रकाशित…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on May 15, 2014 at 10:30am — 26 Comments
प्यार तुमसे किया तुम निभा ना सके
दर्द दिल का कभी हम मिटा ना सके
जिन्दगी तो हमारी रही ना मगर
मौत से हाथ भी हम मिला ना सके
चाँद कह कह पुकारा हमे जो तुने
उन पलो को कभी हम भुला ना सके
ना किये वेवफाई कभी हम मगर
बात का हम भरोसा दिला ना सके
टूट कर बिखर तो हम गये हैं मगर
खा लिये हम जहर पर खिला ना सके
रात भर आइ सपनो में तुम तो मगर
बात अपनी तुझे हम बता ना सके
लौट आता सुहाना समय वो मगर
गीत भी प्यार के हम सुना ना सके
थक गये है…
Added by Akhand Gahmari on May 11, 2014 at 1:00pm — 8 Comments
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