पीड़ा तू आ
आ तेरा श्रृंगार करूँ
शब्दों के फूलों से
टूटे अंतरंगों को सजा लूँ
पीड़ा तू आ
तुझे हृदय में बसा लूँ
बौने मन की कद- काठी पर
प्रीत की लम्बी बेल चढ़ाई
लतर - चतर कर उलझ गई
ये कैसी मैने खेल रचाई
पीड़ा तू आ
तुझे पलकों पर बिठा लूँ
गर्द -गर्द धूमिल- सी चाँदनी
चाँद का रूप कितना मैला
रौंद कर सपनों को
टिड्डों का देखो दल निकला
पीड़ा तू आ
तुझे अधरों का सुख दूँ
सागर की उन्मुक्त लहरें…
Added by kanta roy on June 27, 2016 at 3:30pm — 20 Comments
" अरे साहब , क्या हो गया है तुमको , ऐसे जमीन पर ..... ! "
" कौन विमला ? इतने दिन कैसे छुट्टी कर ली तुमने .....आह ! मुझ बुढ़े का तो ख्याल करती "
" उठो ,चलो बिस्तर पर , ज्यादा बोलने का नही रे ! .... मेरा घर-संसार है । यहाँ काम करने से ज्यादा जरूरी है वो । "
" हाँ ,सही कहा , तुम्हारा अपना घर !"
" साहब ,एक बात कहूँ , अब तुम अकेले नहीं रह सकते हो , तुम्हारी बेटी को बुला लो "
" क्या कहा तुमने…
ContinueAdded by kanta roy on June 27, 2016 at 8:07am — 11 Comments
Added by kanta roy on June 24, 2016 at 2:38pm — 4 Comments
"ओ रे बुधिया , अब ये फूस हटाना ही पड़ेगा अपनी टपरी से "
" ई का कह रहे हो बुड्ढा , अब हम सब बिना छत के रहें का ? "
" नाहीं रे , कुछ टीन टपरा जोड़ लेंगे "
" काहे जोड़ लेंगे टीन-टप्पर , क्यु कहे तुम फूस हटाने को ?"
" खेत से आवत रहें तो गाँव के जोरगरहा दुई जन को कुछ कहते सुनत रहे , ओही से कहे है "
" का सुन लिये रहे हो ?"
" कहत रहे कि फुसहा घर गाँव के विकास में…
ContinueAdded by kanta roy on June 15, 2016 at 8:00pm — 5 Comments
ईंट का आखिरी खेप सिर से उतार कर पास रखे ड्रम से पानी ले हाथ-मुँह धो सीधे उसके पास आकर खड़ा हो गया ।
" सेठ , अब जल्दी से आज का हिसाब कर दो "
" कल ले लेना इकट्ठे दोनों दिन की मजूरी ।"
" नहीं सेठ , आज का हिसाब आज करो , कल को मै काम आता या नहीं , भरोसा नहीं "
" मतलब "
" इस हफ्ते पाँच दिन काम किया ना , बहुत कमा लिया ,इतना ही काफी है । अब अगले हफ्ते ही काम पर आऊँगा ।"
" बहुत कमा लिया , हूँ ह ! इतनी-सी कमाई में क्या - क्या करोगे ?"
" क्या-क्या नहीं…
ContinueAdded by kanta roy on June 14, 2016 at 12:30pm — 22 Comments
"सुनो , कुछ कहना है " बड़ी हिम्मत करके पति की तरफ देखा उसने ।
" क्या हुआ अब , आज फिर माँ से कहा-सुनी हो गई है क्या ?" उन्होंने पूछा ।
" अरे नहीं , माँ से कुछ नहीं हुआ । बात दीपू की है " उसने तीखे स्वर में कहा ।
" अब उसने क्या कर दिया "
" वो ..."
" वो क्या , अरे बताओ भी , किसी से सिर फुट्व्वल करके तो नहीं आया है " उन्होंने तमतमाये चेहरे से पूछा ।
" कैसी बात करते है आप , अपना दीपू वैसा नहीं है " वह एकदम से कह उठी ।
" तो कैसा है , अब तुम्हीं बता दो ? "
"…
Added by kanta roy on June 13, 2016 at 10:00am — 14 Comments
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