मेरे सर पर ,'सुख की छाया ' का पता , प्रभु आप थे .
उस रूप को शत शत नमन जब आप मेरे बाप थे .
सारा जग था आप से आरम्भ , और था आप तक .
आप आप आप प्रभु जी हर तरफ बस आप थे .
आप के सीने से आती वो पसीने की महक .
आप के सीने पे सर था मेरे सीने आप थे .
आपकी आई नही थी , आई बेशक थी मेरी .
मैं गया था इस…
ContinueAdded by DEEP ZIRVI on June 29, 2012 at 8:30am — No Comments
अब हवा न हो हमारे दरम्यां;
एक मन हैं ;एक तन हों ,एक जां.
तेरी जुल्फों में जो टांगा फूल तो ;
देर तक महकी हैं मेरी उंगलीयां .
तुम मिले होते न हम को गर सनम
मैं समझता जिंदगी है राए-गां.
एक नगमा बन गई हैं जिंदगी ;
कह रही मुझ को तू आ के गुनगुना .
पारसाई तेरी रास आने लगी ;
कर रही है तेरा मुझको निगेह -बाँ.
इश्क ने सब को सिखाई बन्दगी ;
वरना मेरी काविश गई थी राए -गां .
दीप जीरवी
Added by DEEP ZIRVI on June 29, 2012 at 12:00am — No Comments
यूं तो
मिलते हैं
बिछड़ते हैं
कई लोग मुझसे ;
तेरी बात और है तुम ने
सिर्फ
मुझसे
हाँ मुझ से
मुहब्बत क़ी है
...मेरी झोली में डाले हैं
मुहब्बत के सच्चे मोती ...
...मेरी मुहब्बत क़ी देवी
तुम ने मुझ पे ये
ख़ास इनायत की है .
आती जाती हुई साँसों में
बसी तू तू तू ही ...
...तेरी नजरे करम ने
मेरी ये हालत क़ी है .
सौ जन्म लेकर भी
पा ना पाता हीरा तुम सा ...
... भर के अपनी मुहब्बत से
मेरी झोली
...इनायत क़ी है
. तू…
Added by DEEP ZIRVI on June 28, 2012 at 11:30pm — No Comments
{भाव निर्झर }
कितना भोला कितना सादा ;
देखिये पंजाब है .
कटता आया बंटता आया ,
देखिये पंजाब है.
भोलेपन की इंतिहा है ,
सोच के देखे कोई ;
लीडरों की घर की मुर्गी ,
देखिये पंजाब है.
अन्नदाता देस क़ा
खुद फांकता सल्फास है
डालरों की धौंस सहता ,
देखिये पंजाब है..
फिल्म टी वी में दिखे
जो हर चरित्र मसखरा
उनमें पागल दिखने वाला ;
देखिये पंजाब है.;
इन शहीदों की कभी लिखे
अगर कोई किताब
हर जगह पंजाबियों क़ा…
Added by DEEP ZIRVI on June 28, 2012 at 11:30pm — 1 Comment
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |