For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

DEEP ZIRVI's Blog – June 2012 Archive (4)

आई मिस यू माई डैडी

 मेरे सर पर ,'सुख की छाया ' का पता , प्रभु आप थे .

उस रूप को शत शत नमन जब आप मेरे बाप थे .

सारा जग था आप से आरम्भ , और था आप तक .

आप आप आप प्रभु जी हर तरफ बस आप थे .

आप के सीने से आती वो पसीने की महक .

आप के सीने पे सर था मेरे सीने आप थे .

आपकी आई नही थी , आई बेशक थी मेरी .

मैं गया था इस…

Continue

Added by DEEP ZIRVI on June 29, 2012 at 8:30am — No Comments

एक ग़ज़ल कहने की कोशिश ...

अब हवा न हो हमारे दरम्यां;
एक मन हैं ;एक तन हों ,एक जां.

तेरी जुल्फों में जो टांगा फूल तो ;
देर तक महकी हैं मेरी उंगलीयां .

तुम मिले होते न हम को गर सनम
मैं समझता जिंदगी है राए-गां.

एक नगमा बन गई हैं जिंदगी ;
कह रही मुझ को तू आ के गुनगुना .

पारसाई तेरी रास आने लगी ;
कर रही है तेरा मुझको निगेह -बाँ.

इश्क ने सब को सिखाई बन्दगी ;
वरना मेरी काविश गई थी राए -गां .

दीप जीरवी

Added by DEEP ZIRVI on June 29, 2012 at 12:00am — No Comments

कौन करेगा तुझे मुझसे जुदा जानम...

यूं तो

मिलते हैं

बिछड़ते हैं

कई लोग मुझसे ;

तेरी बात और है तुम ने

सिर्फ

मुझसे

हाँ मुझ से

मुहब्बत क़ी है

...मेरी झोली में डाले हैं

मुहब्बत के सच्चे मोती ...

...मेरी मुहब्बत क़ी देवी

तुम ने मुझ पे ये

ख़ास इनायत की है .

आती जाती हुई साँसों में

बसी तू तू तू ही ...

...तेरी नजरे करम ने

मेरी ये हालत क़ी है .

सौ जन्म लेकर भी

पा ना पाता हीरा तुम सा ...

... भर के अपनी मुहब्बत से

मेरी झोली

...इनायत क़ी है

. तू…

Continue

Added by DEEP ZIRVI on June 28, 2012 at 11:30pm — No Comments

...पंजाब है .

{भाव निर्झर }



कितना भोला कितना सादा ;

देखिये पंजाब है .

कटता आया बंटता आया ,

देखिये पंजाब है.

भोलेपन की इंतिहा है ,

सोच के देखे कोई ;

लीडरों की घर की मुर्गी ,

देखिये पंजाब है.

अन्नदाता देस क़ा

खुद फांकता सल्फास है

डालरों की धौंस सहता ,

देखिये पंजाब है..

फिल्म टी वी में दिखे

जो हर चरित्र मसखरा

उनमें पागल दिखने वाला ;

देखिये पंजाब है.;

इन शहीदों की कभी लिखे

अगर कोई किताब

हर जगह पंजाबियों क़ा…

Continue

Added by DEEP ZIRVI on June 28, 2012 at 11:30pm — 1 Comment

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service