बह्र 212 212 212 212
टूट के कर गया आशियां दर ब दर
घूमते फिर रहे हम यहां दर ब दर
आ गये लौट कर अक्ल वाले सभी
पर जुनूं में हुए लामकां दर ब दर
कमसिनी छोड़कर अब महकने लगे
जख्म मेरे हुए बेकरां दर ब दर
खाल में भेड़ की भेडि़ये घुस गये
मर गये मेमने बकरियां दर ब दर
हो सकी क्या हमें खुद हमारी सनद
फिर रहा आदमी बेनिशां दर ब दर
हम कहां से चले थे कहां आ गये
कर…
ContinueAdded by Ravi Shukla on July 29, 2015 at 6:00pm — 10 Comments
खूब सूरत है नज़ारे क्या करें
गुरबतों के लोग मारे क्या करें
सो गए फुटपाथ पर जोखिम मगर
नींद जो उनको पुकारे क्या करें
साल मे इक माह मिलती छुट्टियां
चॉंद को गर ना निहारे क्या…
ContinueAdded by Ravi Shukla on July 28, 2015 at 5:30pm — 9 Comments
राष्ट्र वाद पर हो रही, जाति वाद की मार ।
ज़हर घोलने के लिये, सहमत है सरकार ।।
ज़हर जाति का कर रहा, जनमत पूर्व प्रचार ।
भला नहीं आवाम का, डालेगी ये रार ।।
जनगणना के आंकड़े, नहीं राष्ट्र अनुकूल ।
भूल गये इतिहास क्यूँ , बंग भंग का मूल ।।
जांत पांत की धारणा, संख्या सोच अजीब ।
निर्धनता से जूझ कर , संभला कहां गरीब ।।
जाति प्रथा का नाश हो, सबकी इक पहचान ।
भारत के सब नागरिक, सारे है इन्सान…
ContinueAdded by Ravi Shukla on July 20, 2015 at 4:30pm — 8 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |