लहू बुज़ुर्गो का मिट्टी में बहाने वालो
दागदारोँ को सरेआम बचाने वालो
बच्चोँ के हाथ में शमशीर थमाने वालो
बात फूलोँ की तुम्हारे मुँह से नहीं अच्छी लगती
खुदा के नाम पे दुकानों को चलाने वालो
धर्म् के नाम पर इंसा को बाँट्ने वालो…
Added by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 30, 2019 at 12:30pm — 3 Comments
Added by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 29, 2019 at 2:00pm — 3 Comments
दिल के बदले दिया सपना सलोना
नहीं खाली था शायद दिल में कोना
ये माना मैंने तुम सबसे हसीं हो
मगर सोना तो फ़िर भी होता सोना
ना वादा तुम करो मिलने का कोई…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 19, 2019 at 1:30pm — 3 Comments
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
सिर्फ़ एक नारा भर नहीँ है
कुछ करके दिखाना भी है
एक क़दम मैंने बढाया है
एक क़दम तुम भी ढ़ाओ
झिझको मत ठहरो मत
आगे बढो और पढाओ…
Added by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 17, 2019 at 5:30pm — 1 Comment
गुरु पूर्णिमा पर विशेष
गुरु कृपा हो जाए तो सफ़ल सिद्ध हों काम ।
कृपा हनू पर रखते हैं जैसे सियापति राम॥
राम कहें शंकर गुरु ,भोले कहें श्रीराम।
दोनों ही सर्वज्ञ हैं, मैं जाऊं काकै…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 16, 2019 at 4:00pm — 1 Comment
"यदि तुम्हें
उससे प्रेम है अनंत!
तो तुम स्वीकार
क्यूँ नहीं करते।
क्यूँ नहीं देख पाते
उसकी आंखों का सूनापन
जहाँ बरसों से नही बरसी…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 9, 2019 at 6:00pm — 2 Comments
दर्दों गम से हर कोई बेजार है,
हादसों की हर तरफ़ दीवार है।
बिक रहे हैं वो भी जो अनमोल हैं,
कैसे नादानों का ये बाज़ार हैं।
सब्र अब सबका चुका लगता मुझे,
हर बशर लड़ने को बस तैय्यार है।
पल में तोला पल में माशा मत बनो,
ये भी जीने का कोई आधार है।
मुफलिसी के मारे लगते हैं सभी,
फ़िर भी ये लगते नहीं लाचार हैं।
जिसके हाथों में हैं ज्यादा पुतलियाँ,
उनकी ही उतनी बड़ी सरकार…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 4, 2019 at 6:00pm — 2 Comments
ज़ीस्त को मुझसे है गिला देखो
जी रहा हूँ मैं हौसला देखो
साथ रहते हैं एक छत के तले
दरम्याँ फिर भी फासला देखो
तुम जिधर जा रहे हो बेखुद से
वहीं आयेगा जलजला देखो
सँभाल ही लूँगा मरासिम…
ContinueAdded by प्रदीप देवीशरण भट्ट on July 3, 2019 at 2:30pm — 4 Comments
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