देखो भाई, स्मार्ट फोन का, जमाना आया,
साथ में नेट-पैक वालों की, चाँदी कर लाया,
उँगलियों के स्पर्श से, चलता ये पुर्जा,
हजारों रूपये का , इस पर होता खर्चा,
हर छुअन पर , जाता है सिहर,
जहाँ छुओ, वहाँ खुल जाता, एक नया मंजर,
फेसबुक, व्हाट्सएप की बड़ी बहार है,
चुटीले-उपदेशी संदेशों की भरमार है,
विभिन्न समूहों में होरहीं, गहन चर्चाएँ,
सारे राष्ट्र की समस्याएँ, यहीं सुलझाएँ,
अपने -अपने गुटों की, खुली है चौपाल,
सरकार भी चौकन्नी…
ContinueAdded by Arpana Sharma on September 29, 2016 at 8:00pm — 6 Comments
Added by Arpana Sharma on September 28, 2016 at 12:30pm — 6 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |