जीवन क्या है ? तुहिन सूक्ष्म कण
क्यों ना तुझ पर करूँ समर्पण....
दूर्वादल के क्षणिक पाहुने
संग लिये आती है ऊषा
प्राची के आँचल में रश्मि
बिखरा देती है मंजूषा
बीन-बीन ले जातीं किरणें
तुहिन बिंदु सम जीवन के क्षण......
ना द्युति मेरी,ना छवि मेरी
है सारा सौंदर्य पराया
बल गुरुत्व का, देह सँवारे
मन को लुभा रही है माया
तृषा बढ़ाती मृग-तृष्णायें
फैलाकर अपना आकर्षण......
उतरा था कल शून्य व्योम से
कुछ…
Added by अरुण कुमार निगम on October 19, 2013 at 4:00pm — 19 Comments
सांत्वना
अस्पताल से जाँच की रिपोर्ट लेकर घर लौटे द्वारिका दास जी अपनी पुरानी आराम कुर्सी पर निढाल होकर लेट से गये. छत को ताकती हुई सूनी निगाहों में कुछ प्रश्न तैर रहे थे . रिपोर्ट के बारे में बेटे को बताता हूँ तो वह परेशान हो जायेगा.यहाँ आने के लिये उतावला हो जायेगा. पता नहीं उसे छुट्टियाँ मिल पायेंगी या नहीं. बेटे के साथ ही बहू भी परेशान हो जायेगी. त्यौहार भी नजदीक ही है.…
ContinueAdded by अरुण कुमार निगम on October 7, 2013 at 12:30am — 25 Comments
[अंतराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर लघु कथा]
लगभग एक माह पूर्व बेटे का विदेश से फोन आया था कि वह मिलने आ रहा है. मन्नू लाल जी खुशी से झूम उठे. पाँच वर्ष पूर्व बेटा नौकरी करने विदेश निकला था. वहीं शादी भी कर ली थी. अब एक साल की बिटिया भी है.शादी करने की बात बेटे ने बताई थी. पहले तो माँ–बाप जरा नाराज हुये थे, फिर यह सोच कर कि बेटे को विदेश में अकेले रहने में कितनी तकलीफ होती होगी, फिर बहू भी तो भारतीय ही थी, अपने-आप को मना ही लिया था.
मन्नू लाल जी और उनकी पत्नी दोनों ही साठ…
Added by अरुण कुमार निगम on October 1, 2013 at 10:00am — 26 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |