For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Arpana Sharma's Blog – November 2016 Archive (4)

"झिलमिल धूप"/कविता - अर्पणा शर्मा, भोपाल

सर्द सिहराती शिशिर की सुबह,

भेदकर कर कोहरे की नजर,

ओसकणों को चुंबन देकर,

मेरे आँगन धूप उतर आई थी ,

गुनगुनी, ऊष्म, स्नेहिल ज्यों

एक प्रेमालिंगन ले आई थी,

रूपहली-सुनहरी सुरमाई सी,

सूर्य वधु ज्यों प्रातः लेती अंगड़ाई सी,



ये दुछत्ती खिल जाये प्यारी,

महके छोटी सी मेरी फुलवारी,

धूप ने धूम मचाई थी,

चंपा, चमेली, सेवंती की बहार सी,

गेंदे, गुलाब, हरसिंगार भी,

ज्यों सुंदरी रंगीली चुलबुलाई सी,



धूप घुस आती हर दर्रे… Continue

Added by Arpana Sharma on November 26, 2016 at 4:21pm — 8 Comments

"दिल्ली -संवेदनाएं" -कविता /अर्पणा शर्मा

सुना है भयंकर कोहरा छाया,

शीत ने दिल्ली को कँपकँपाया,

प्राणवायु को भारी बनाया,

हर तरफ इक जहरीला साया,

प्रदूषण से त्रस्त हर जीव,

जीवन श्वसन है लड़खड़ाया,

स्व-करनी भोगने का समय आया,

क्यों सब देखें दाँयें-बाँयें,

क्यों मर गईं सबकी सँवेदनाएं,

क्यों सरकार से सब अपेक्षाएँ,

और सब पर्यावरण की धज्जी उड़ाएं,

प्रबुद्ध वर्ग हो-हल्ला करे,

नियमों को अमलीजामा कौन पहनाए,

सब तरह के आक्रमण, विध्वंस,

झेल गई दिल्ली बिचारी,

अब आई इसके जीवन की… Continue

Added by Arpana Sharma on November 7, 2016 at 11:08pm — 2 Comments

"इंतजार .." कविता/ अर्पणा शर्मा

कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,

इक अनकहा सा इंतजार होता है,

हालातों में जहाँ,

सब कुछ मुश्किल,

अनिश्चित और दुश्वार होता है,

जीवन जब अनमना सा,

केवल जीने का व्यापार होता है,

कल्पनाओं में मन की,

कहीं कोई चमत्कार होता है,

कभी सोचते हैं हम

कहीं से आकर कोई हमदम,

कर देगा सबकुछ,

बिल्कुल ठीक और उत्तम,

प्रार्थनाओं और दुआओं में,

यही इज़हार होता है,

मनचाही खुशियाँ पाने को,

दिल सबका बेकरार होता है,

हर मन की परतों में कहीं… Continue

Added by Arpana Sharma on November 5, 2016 at 3:30pm — 6 Comments

"रफूचक्कर"/हास्य -व्यंग्य कविता -अर्पणा शर्मा

देख पुलिस का पहरा सड़क पर,

गाज गिरी बिन हेलमेट के,

दोपहिया चालक पर,

हड़बड़ाया ,वो घबराया,

जब पुलिस ने उसे,

टिकट चालान का पकड़ाया,

बटुए का उसे खयाल आया,

अभी देता हूँ,

कहते-कहते वो घनचक्कर,

जल्दी से गाड़ी चला,

हुआ रफूचक्कर,

पुलिस ने नया दाँव अजमाया,

आरटीओ से घर का,

पता निकलवाया,

चालान टिकट उसके ,

घर भिजवाया,

अब ऊँट पहाड़ के नीचे आया,

फिजूल ही खुद को चूना लगाया,

जोश हुए ठंड़े, चालान भरकर,

सारी बदमाशी हुई… Continue

Added by Arpana Sharma on November 4, 2016 at 4:07pm — 2 Comments

Monthly Archives

2018

2017

2016

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service