सुनो उससे कहना...
ठंड आ गई है ...
जरा मेरे अहसासों को
धूप दिखा दें ....
और ख्यालों को भी
सूखा दें ...
ठंड आ गई है ...
रिश्तों की गर्माहट
बहुत जरूरी है ...
गुलाबी मौसम की तरह ...
जिंदगी भी हँसेगी ...
ठंड आ गए है...
जरा अहसासों को धूप दिखा दो...
मौलिक व अप्रकाशित
Added by Amod Kumar Srivastava on November 24, 2013 at 8:50pm — 12 Comments
बताओ तो, कि कैसा लगता है ...
किसी अंजान जगह पर
किसी अंजान सफर पर
किसी अंजान का साथ
खुशी के वो अंजान पल
साथ गुज़ारना, साथ चलना
वो एहसास, वो पल
बताओ तो, कि कैसा लगता है ....
और फिर अचानक ...
एक दिन
किसी अंजान का बिछड़ जाना
किसी अंजान बातों पर
किसी अंजान कारणो पर
फिर लौट कर न आना
सिर्फ इंतज़ार रह जाना
किसी से कुछ न कह पाना
सिर्फ और सिर्फ यादें रह जाना
बताओ तो, कि…
ContinueAdded by Amod Kumar Srivastava on November 21, 2013 at 8:17pm — 8 Comments
कभी रोटी, कभी कपड़े के लिए गिड़गिड़ाना किस को कहते हैं
किसी अनाथ बच्चे से पूछो रोना किस को कहते हैं
कभी उसकी जगह अपने को रखो फिर जान जाओगे
कि दुनिया भर का दुःख दिल मे समेटना किस को कहते हैं
उसकी आँखें, उसके चेहरे को एक दिन घूर के देखो
मगर ये मत पूछना कि वीराना किसको कहते हैं ...
तुम्हारा दिल कभी छोड़े अगर दौलत कि खुमारी को
तो तुम्हें मालूम हो जाएगा कि गरीबी किसको कहते हैं ....
मौलिक व अप्रकाशित
Added by Amod Kumar Srivastava on November 19, 2013 at 7:00pm — 12 Comments
सुनो !!
वक्त मत लिया करो ...
समय से तारीफ करा करो
हाँ मगर सच्ची तारीफ़ें
और समय से मुबारकें
तुम्हारी दुआ कबूल हो
उस खुदा को मंजूर हो
जिसने मुझे भेजा यहाँ
तुम जैसे दोस्तों के दिलों में
मिला एक आसियाँ
मैं कितना भी उड़ लूँ
आज मगर सच कहता हूँ
प्यार से अपने बांध लेते हो
वरना मैं क्या होता हूँ
मुस्कराहट में मेरी, तुम्हारी नज़र है
कलम से कुछ नाराज़ अक्षर हैं
वरना कहाँ मैं तुमसे…
ContinueAdded by Amod Kumar Srivastava on November 15, 2013 at 10:16pm — 9 Comments
जो बातें होठों तक न आ पाएँ
उसे कागजों पर
उकेरा करो ....
दिल में न रखा करो
ओंठ न सिया करो
कुछ बातें लिखनी मुश्किल हो
तो आँखों से कह दिया करो
जब तन्हा हुआ करो
तो आवाज़ दिया करो
जो हसरत तेरी चाहत मे हो
मेरे दामन से ले लिया करो
गुफ्तगू
जम कर किया करो ....
मौलिक व अप्रकाशित
Added by Amod Kumar Srivastava on November 14, 2013 at 10:30pm — 10 Comments
Added by Amod Kumar Srivastava on November 13, 2013 at 10:01pm — 16 Comments
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